आम का अचार तो हर घर में बनता हैं और कई तरीके से बनाया जाता हैं। लेकिन इस तरीके से आम का अचार बनाने पर वह स्वादिष्ट तो बनेगा ही, साथ ही में साल भर ख़राब भी नहीं होगा!
आम का अचार तो हर घर में बनता हैं और कई तरीके से बनाया जाता हैं। फेसबुक पर कुछ मित्रों के आग्रह पर मैं आम के अचार की रेसिपी पोस्ट कर रहीं हूं। इस तरीके से आम का अचार बनाने पर वह स्वादिष्ट तो बनेगा ही, साथ ही में साल भर ख़राब भी नहीं होगा! तो आइए, बनाते हैं आम का अचार...
सामग्री-
• कच्चे आम- 1 किलो
• तेल- 1/2 किलो से कम
• नमक- 180 ग्राम
• राई दाल- 100 ग्राम
• पिसी सौंफ़- 100 ग्राम
• लाल मिर्च पावडर- 100 ग्राम
• कलौंजी- 1 छोटी चम्मच
• हिंग- 1/2 छोटी चम्मच
• मेथी दाना- 1 छोटी चम्मच
• हल्दी- 2 छोटी चम्मच
विधि-
• आमों को अच्छे से धोकर सुती कपड़े से पोंछ लीजिए।
• आमों को अपने मनचाहे आकार में काट लीजिए (चित्र 1)। आम फोडने से आमों को काटने में ताकत लगती हैं। इसलिए मैं तो जैसे हम लोग बाकि सब्जियां काटते हैं वैसे ही आमों को भी गुठली के आजु-बाजु से चक्कू लेते हुए काट लेती हूं। इससे आम काटते वक्त एक भी फाक नरम नहीं होती और हम आमों को चाहे जितने छोटे-छोटे टुकड़ो में काट सकते हैं।
• परात में नमक, नमक के बाजु में पिसी सौंफ़ फिर हल्दी...नमक के दूसरी तरफ़ कलौंजी, हींग और मेथी दाना...और नमक के सामने लाल मिर्च पावडर और राई दाल...इसी क्रम में सामग्री रखिए (चित्र 2)। आप सोच रहे होंगे कि ऐसे क्रम में सामग्री क्यों रखनी हैं? बताती हूं...बताती हूं...थोड़ा धीरज तो रखिए!
• एक बर्तन में तेल गर्म होने हेतु गैस पर रख दीजिए (चित्र 3)।
• परात के निचे जिधर लाल मिर्च पावड़र हैं उस तरफ़ एक कपड़ा रख कर उस भाग को (चित्र 4 में बताएं अनुसार) थोड़ा सा उंचा कर दीजिए।
• अब तक तेल गर्म हो गया होगा।
• गर्म तेल को सबसे पहले नमक पर डालिए। ऐसा करने से नमक की पूरी नमी खत्म हो जाने से नमक पानी नहीं छोड़ता। इससे अचार ख़राब नहीं होता।
• नमक के बाद मेथी दाना, कलौंजी, हींग, पीसी सौंफ पर तेल डाल कर मिलाइए। और बाद में हल्दी पर तेल डालते हुए मिला लीजिए। तेल उतना ही डालिए जिससे ये मसाले अच्छे से गीले हो जाए।
• बचे हुए तेल को ठंड़ा होने दीजिए।
• तेल ठंड़ा होने पर उसे लाल मिर्च पावड़र और राई दाल पर डालिए। लाल मिर्च पर गर्म तेल डालने से वो जल जाएगी। इससे अचार का रंग काला आएगा और स्वाद भी बिगड़ जाएगा। राई दाल पर भी गर्म तेल डालने से अचार अच्छा नहीं बनेगा।
• तो दोस्तों, अब आपको स्वयं ही समझ में आ गया होगा कि हमने अचार की सामग्री को इस क्रम में क्यों रखा और परात के नीचे कपड़ा रख कर उसे थोड़ा ऊंचा क्यों किया... ताकि गर्म तेल से लाल मिर्च न जले और राई दाल पर भी गर्म तेल न आ पाएं और बाकि सभी मसाले तेल में भून जाएं!
• अब पूरे मसाले को अच्छे से मिलाकर ठंड़ा होने दीजिए (चित्र 5) ।
• कांच की बरनी में हिंग़ का धुआ दीजिए (चित्र 6)। इससे अचार में अच्छी ख़ुशबु आती हैं और अचार ख़राब नहीं होता।
• मसाला पूरी तरह ठंड़ा होने पर आम की फ़ाकें उसमें डाल कर अच्छे से मिला लीजिए (चित्र 7)। ध्यान दीजिए कि मसाला हर फ़ाक पर लग जाएं।
• हींग का धुआ पूरी तरह निकल ने पर अचार को बरनी में भर दीजिए।
• बचा हुआ तेल अचार पर डाल दीजिए। दो-तीन रोज तक हर रोज अचार को सूखी चम्मच से अच्छे से हिला दीजिए।
• ध्यान दीजिए कि तेल अचार के उपर तक रहें, नहीं तो अचार ख़राब हो जाता हैं।
• ध्यान दीजिए कि तेल अचार के उपर तक रहें, नहीं तो अचार ख़राब हो जाता हैं।
• बन कर तैयार हैं आम का स्वादिष्ट अचार। इस विधि से बनाने पर यह अचार साल भर तक ख़राब नहीं होता।
सुझाव-
• लाल मिर्च पावडर आप अपने स्वादानुसार कम-ज्यादा कर सकते हैं। मैंने चपाटा (कश्मीरी) मिर्च ली हैं इसलिए ज्यादा ली हैं।
• मैं आम की फाकों को नमक-हल्दी लगाकर नहीं रखती। क्योंकि उससे आम का खट्टापन कम हो जाता हैं। आम का अचार थोड़ी खटास लिए हुए ही अच्छा लगता हैं। यदि आपको अचार खट्टा नहीं होना तो आप आम की फाकों को नमक-हल्दी लगाकर रखिए और बाद में चलनी में डाल कर पानी निथारकर आम की फाकों को कपड़े पर फैलाकर सूखा लीजिए और फ़िर अचार डालिए।
• अचार की सामग्री की हर चीज गीन कर लेना संभव नहीं होता क्योंकि हर घर में तराजु नहीं होता, तो ऐसे वक्त आप सिर्फ़ नमक को किसी दुकान से तौल लीजिए। बाद में नमक के हिसाब से बाकि चीजे ले लीजिए। मतलब नमक जितना दिख रहा हैं उससे पिसी सौंफ, लाल मिर्च पावडर और राई दाल बिल्कुल थोड़ी सी कम! नमक इन चिजों से वजन में ज्यादा होने से दिखने में उतना ही दिखेगा।
• आयुर्वेद के अनुसार रात भर भीगा हुआ मेथी दाना सेहत के लिए बहुत ही उपयोगी होता हैं। मेथीदाने में इतने गुण हैं कि वो अपने साथ दुसरे पदार्थों के दुर्गुण भी खत्म कर देता हैं। इस अचार में मेथीदाना डाला गया हैं। जिस अचार में मेथी दाना होता हैं वो अचार बच्चे से बुजुर्ग तक कोई भी खा सकता हैं। अतः सीमित मात्रा में इसका सेवन सेहत के नुकसान दायक न होकर फायदा ही करेगा। अति तो कोई भी चीज की बूरी होती हैं।
• मैं आम की फाकों को नमक-हल्दी लगाकर नहीं रखती। क्योंकि उससे आम का खट्टापन कम हो जाता हैं। आम का अचार थोड़ी खटास लिए हुए ही अच्छा लगता हैं। यदि आपको अचार खट्टा नहीं होना तो आप आम की फाकों को नमक-हल्दी लगाकर रखिए और बाद में चलनी में डाल कर पानी निथारकर आम की फाकों को कपड़े पर फैलाकर सूखा लीजिए और फ़िर अचार डालिए।
• अचार की सामग्री की हर चीज गीन कर लेना संभव नहीं होता क्योंकि हर घर में तराजु नहीं होता, तो ऐसे वक्त आप सिर्फ़ नमक को किसी दुकान से तौल लीजिए। बाद में नमक के हिसाब से बाकि चीजे ले लीजिए। मतलब नमक जितना दिख रहा हैं उससे पिसी सौंफ, लाल मिर्च पावडर और राई दाल बिल्कुल थोड़ी सी कम! नमक इन चिजों से वजन में ज्यादा होने से दिखने में उतना ही दिखेगा।
• आयुर्वेद के अनुसार रात भर भीगा हुआ मेथी दाना सेहत के लिए बहुत ही उपयोगी होता हैं। मेथीदाने में इतने गुण हैं कि वो अपने साथ दुसरे पदार्थों के दुर्गुण भी खत्म कर देता हैं। इस अचार में मेथीदाना डाला गया हैं। जिस अचार में मेथी दाना होता हैं वो अचार बच्चे से बुजुर्ग तक कोई भी खा सकता हैं। अतः सीमित मात्रा में इसका सेवन सेहत के नुकसान दायक न होकर फायदा ही करेगा। अति तो कोई भी चीज की बूरी होती हैं।
हम पिछल साल आम का अचार डाले थे वो भी अब तक बढ़िया है..इस विधि से भी जरुर ट्राई करेंगे दी।
जवाब देंहटाएंबढ़िया रेसिपी👌
स्वेता, ज्यादातर लोगों द्वारा बनाया गया आम का अचार खराब नहीं होता हैं। लेकिन कुछ लोगों द्वारा बनाया गया आम का अचार खराब हो जाता है। इसलिए...
हटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी आपने शेयर की धन्यवाद
जवाब देंहटाएंपानी तो अभी पढ़ते पढ़ते ही आ गाय मुँह में ...
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी साझा की है ...
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-06-2018) को "मन मत करो उदास" (चर्चा अंक-3013) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
हटाएंIt looks delicious.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी विधि , अचार ज्यादा खट्टा रहे इसके लिए आपने बहुत अच्छी टिप दी ज्योति जी , शुक्रिया
जवाब देंहटाएंJyotiji, your Mango pickle looks mouth watering 👍 Bahut hi badiya ☺
जवाब देंहटाएंThanks for sharing 🙂
Mouthwatering post, will love to try this recipe.
जवाब देंहटाएंमां के हाथ से डले अचार के स्वाद की याद दिला दी आपने । बहुत बहुत धन्यवाद आपका अचार की विधि शेयर करने के लिए ।
जवाब देंहटाएंvery interesting, good job and thanks for sharing such a good blog.
जवाब देंहटाएंआम के अचार की विधि शेयर करने के लिए धन्यवाद, ज्योति जी !
जवाब देंहटाएंDidi ji! Apne bahut badhiya jakari diya. bahut padhiya post hai aapki yah post.
जवाब देंहटाएंThank you!