हमारे शरीर को स्वस्थ्य बनानेवाली चीजे जैसे कि दूध, दही, कई तरह के फल और सब्जियां भी घातक हो सकते हैं...विरुद्ध आहार ही कई गंभीर बीमारियों की असली वजह हैं...!!
जो आहार गलत संयोग (combination), गलत मात्रा (dose), गलत समय (time) पे और ऋतु के प्रतिकूल खाया जाता हैं उसे विरुद्ध आहार (Incompatible food) कहते हैं। विरुद्ध आहार एक तरह का जहर हैं, जिसे जाने-अनजाने हम सेवन करते आ रहे हैं। विरुद्ध आहार ही कई गंभीर बीमारियों की असली वजह हैं! चरक ऋषी के मुताबिक यदि विरुद्ध भोजन बहुत दिनों तक खाया जाएं तो मौत का भी कारण बन सकता हैं।
हम जो भी चीज खाते हैं, वो हर चीज अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार हम पर अपना प्रभाव डालती हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ्य बनानेवाली चीजे जैसे कि दूध, दही, घी, कई तरह के फल और सब्जियां भी घातक हो सकते हैं यदि इन्हें खाने के पहले या बाद में या इन चीजों के साथ ऐसी चीजे खाई जाएं जिनके साथ इनका मेल नहीं बनता हैं। आइए, जानते हैं ऐसे विरुद्ध आहार के बारे में...
• दूध-
दूध यदि सही तरीके से लिया जाएं तो वह अमृत का काम करता हैं और यदि विरुद्ध आहार के साथ लिया जाएं तो यह जहर की तरह काम करता हैं! जैसे कि,
• दूध और केला-
अच्छी सेहत बनाने के लिए दूध और केला साथ में खाने की सलाह दी जाती हैं। लेकिन वास्तव में जब दूध और केला आपस में मिलते हैं, तो कफ़ बढ़ाते हैं और एक-दूसरे को पचने से रोकते हैं। इससे हमारी खाना पचाने की क्षमता कम होने लगती हैं। इसलीए बनाना शेक कभी नहीं पीना चाहिए। केला खा के दूध पी सकते हैं। लेकिन दूध और केला मिला कर नहीं ले सकते।
• दूध के साथ फल लेते हैं, तो दूध के अंदर का कैल्शियम फलों के कई एंजाइम्स को अपने अंदर अवशोषित कर लेता हैं जिससे फलों का पोषण शरीर को नहीं मिल पाता। इसलिए किसी भी तरह का मिल्क शेक विरुद्ध आहार हैं। इसमें अपवाद सिर्फ़ मैंगोशेक हैं। लेकिन वो भी मीठे आम का ही मैंगो शेक बनाना चाहिए क्योंकि दूध के साथ मीठे आम की दोस्ती हैं। दूध के साथ खट्टा आम या खट्टे फल जैसे कि संतरा और अंगूर आदि जिनमे सायट्रिक एसिड होता हैं, नहीं खाना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार सिर्फ़ आंवला ही एकमात्र खट्टा फल हैं जो दूध के साथ खा सकते हैं। अत: हम जो फ्रृट सलाद बना कर खाते हैं वो सर्वथा गलत हैं। उससे हमारे शरीर को फ़ायदा तो नहीं मिलेगा उलट नुकसान ही होगा।
• दूध के साथ खट्टे फल खाएं जाएं तो लूज मोशन, गैस, पेट दर्द, जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
• दूध के साथ तला या भुना हुआ नमकीन-
दूध में प्रोटीन होता हैं। दूध के साथ नमकीन पदार्थ लेने से मिल्क प्रोटिंस जम जाते हैं और पोषण कम हो पाता हैं। यदि लंबे समय तक ऐसा किया जाएं तो त्वचा संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
• दूध के साथ ब्रेड या बिस्कुट-
ज्यादातर घरों में आज भी बच्चों को सुबह-सुबह दूध के साथ ब्रेड या बिस्कुट दिया जाता हैं। जिससे दांत ख़राब हो सकते हैं, चेहरे पर झुर्रियां और मुहांसे हो सकते हैं, शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढती हैं। चाय के साथ खास कर मीठे बिस्कुट नहीं खाना चाहिए क्योंकि चाय और बिस्कुट दोनों में चीनी होने से मोटापा बढ़ सकता हैं और दांत ख़राब हो सकते हैं।
संक्षेप में दूध को अकेले पीना ही सबसे अच्छा होता हैं। इससे यह शरीर द्वारा आसानी से पचा लिया जाता हैं और दूध के पूरे लाभ शरीर को मिलते हैं। आयुर्वेद के अनुसार प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट की अधिक मात्रा एक साथ नहीं लेनी चाहिए।
• दही-
• उडद दाल और दही साथ में कभी नहीं खाना चाहिए मतलब दही बड़े कभी नहीं खाना चाहिए क्योंकि उडद दाल को दालों का राजा कहा जाता हैं लेकिन उडद दाल और दही एक-दूसरे के जानी दुश्मन हैं। यदि दही बड़े खाने पर आप अपना ब्लड प्रेशर चेक करेंगे तो वो 22% से 25% बढ़ा हुआ मिलेगा। इसका मतलब ये हैं कि यदि आप बार-बार दही बड़े खाते हैं तो हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती हैं। यदि आपके घर में शादी-ब्याह हैं तो भूल कर भी मीनू में उडद दाल के दही बड़े न रखे। क्योंकि मेहमानों को ये खिला कर आप पाप के भागीदार बनेंगे।
• दही में नमक डाल कर न खाएं
यदि हम 100 किलो दही में एक चुटकी भर भी नमक डालेंगे तो दही के सारे बैक्टीरियल गुण खत्म हो जायेंगे क्योंकि नमक में जो केमिकल्स है वह जीवाणुओं के दुश्मन है। इसलिए कभी भी दही को नमक के साथ नहीं खाना चाहिए। दही को मीठी चीज़ों के साथ खाना जैसे कि गुड या चीनी के साथ खा सकते हैं।
• रात को दही नहीं नहीं खाना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद में ऐसा माना जाता हैं कि रात कफ़ बढ़ाती हैं। इसलिए रात को दही खाने से खांसी, जुकाम, जोड़ों का दर्द, फेफड़ों का संक्रमन हो सकता हैं और यह पाचन क्रिया को भी धीमी कर देता हैं। यदि एकाध बार रात में दही खाना ही हैं तो उसमें चुटकी भर काली मिर्च मिला लीजिए।
• बीयर, शराब, कोल्ड ड्रिंक्स आदि के साथ नमकीन चीजें जैसे कि मुंगफली, सेव, चिप्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों से हमारे शरीर का पानी तेजी से सुखने लगता हैं। जिससे फूड पॉयजनिंग हो सकती हैं और पेट की चरबी बढ सकती हैं। यदि इन चीजों के साथ नमकीन का प्रयोग किया जाएं तो इससे हमारे शरीर में सोडियम की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती हैं और शरीर में विषैले तत्व उत्पन्न होने लगते हैं जिससे दिमाग की क्षमता कम होती हैं।
• कोल्ड ड्रिंक और मिंट (पुदिना)-
कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद मिंट च्युइंगम या मिंट युक्त पान मसाला आदि बिल्कुल न खाएं। इन दोनों को मिलाने पर साइनाइड बनता हैं, जो की एक तरह का जहर हैं।
• पिज्जा/बर्गर के साथ कोल्ड ड्रिंक नहीं पीना चाहिए- क्योंकि कोल्ड ड्रिंक में मौजूद ऐसिड की मात्रा और ज्यादा शुगर फास्ट फूड (पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइस आदि) में मौजूद फैट शरीर के तापमान को और पाचन को ख़राब करते हैं।
• खीरा और टमाटर-
सलाद में खाई जाने वाली साधारण चीजें भी गलत समय पर गलत चीजों के साथ खाने पर बहुत हानिकारक हो जाती हैं। जैसे खीरे और टमाटर में सेहत का खजाना छिपा होने के बावजूद यदि दोनों साथ में खाएं जाएं तो गैस, जी मचलाना, थकान और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि खीरे और टमाटर दोनों का पचने का समय अलग-अलग होने से एक पहले पच कर इंटेस्टाइन में पहूंच जाता हैं और दूसरे की पचने की क्रिया चलती रहती हैं। जिससे पेट के साथ पूरे शरीर को नुकसान पहूंचता हैं।
• सलाद कभी भी खाना खाने के बाद नहीं खाना चाहिए-
सलाद की प्रकृति ठंडी होने से यदि सलाद खाने के अंत में खाया जाएं तो खाना पचने की गति धीमी हो जाती हैं। सलाद को खाने के आरंभ में खाना बेहतर हैं या इसे खाने के साथ खा सकते हैं।
• गाजर और नींबू का प्रयोग न करे क्योंकि इससे पेशाब संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
• गर्म और ठंडे पदार्थ एक साथ खाने से जठराग्नी एवं पाचनक्रिया मंद हो जाती हैं।
• संतरा और केला एक साथ नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे फलों की पौष्टिकता कम होती हैं और खट्टे फल मीठे फलों से निकलने वाली शुगर में रुकावट पैदा करते हैं, जिससे पाचन बराबर नहीं हो पाता हैं।
दोस्तो, इस तरह हमें कुछ भी खाते वक्त इस बात का जरुर ख्याल रखना चाहिए कि हम जो भी चीज खा या पी रहे हैं, वो विरुद्ध आहार न हो। विरुद्ध आहार हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।
अच्छी पोस्ट ...
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ जानने की जरूरत है ... सही भोजन का एक साथ होना जरूरी है ....
वाह!!ज्योति ,बहुत अच्छी जानकारियों से भरी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लेख ज्योति जी !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन जानकारी ज्योति जी
जवाब देंहटाएंVery informative post!!
जवाब देंहटाएंVery helpful info...some of these were known to me but most were beyond my knowledge.
जवाब देंहटाएंVery useful post.
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-11-2019) को "समय बड़ा बलवान" (चर्चा अंक- 3525) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिव बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
हटाएंबेहतरीन जानकारी ज्योति जी
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