'रेप प्रूफ पैंटी',1,#मीटू अभियान,1,#साड़ीट्विटर,1,14 नवम्बर,1,15 अगस्त,3,25 दिसम्बर,1,26 जनवरी,1,5000 रुपए किलों का गुड़,1,8 मार्च,2,अंंधविश्वास,1,अंकुरित अनाज,1,अंगदान,1,अंगुठी,1,अंगूर,1,अंगूर की लौंजी,1,अंगूर की सब्जी,1,अंग्रेजी,2,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,4,अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस,1,अंतिम संस्कार,1,अंधविश्वास,21,अंधश्रद्धा,18,अंधश्रध्दा,3,अंश,1,अग्निपरीक्षा,1,अग्रवाल,1,अग्रसेन जयंती,1,अग्रसेन जयंती की शुभकामनाएं,1,अचार,13,अच्छी पत्नी,1,अच्छी पत्नी चाहिए तो...,1,अच्छे काम,1,अजब-गजब,3,अजय नागर,1,अतित,1,अदरक,1,अदरक का चूर्ण,1,अदरक-लहसुन पेस्ट,1,अनमोल वचन,10,अनरसा,1,अनुदान,1,अनुप जलोटा,1,अनोखी शादी,1,अन्न,1,अन्य,31,अन्याय,1,अपमान,1,अपेक्षा,1,अप्पे,4,अमरुद,1,अमरूद की खट्टी-मीठी चटनी,1,अमीरी,1,अमेजन,1,अरबी,1,अरुणा शानबाग,1,अरुनाचलम मुरुगनांथम,1,अलगाव,1,अवधेश,1,अवार्ड,2,अशोक चक्रधारी,1,असली हीरो,22,अस्पताल,1,अस्पतालों में बच्चों की मौत,1,आंवला,8,आंवला कैंडी,1,आंवला चटनी,1,आंवला मुरब्बा,1,आंवला लौंजी,1,आंवले का अचार,1,आंवले का शरबत,1,आंवले की गटागट,1,आइसक्रीम,1,आईसीयू ग्रेंडपा,1,आग,1,आज के जमाने की अच्छाइयां,1,आजादी,2,आज़ादी,1,आतंकवादी,2,आत्महत्या,3,आत्मा,1,आदित्य तिवारी,1,आम,10,आम का अचार,1,आम का पना,2,आम का मुरब्बा,2,आम की बर्फी,1,आम पापड़,1,आरओ,1,आरक्षण,3,आरती मोर्य,1,आलू,6,आलू की पापडी,1,आलू की मठरी,1,आलू की सब्जी,1,आलू को स्टोर करना,1,आलू चाट पराठा,1,आलू पोहा अप्पे,1,आलू प्याज के स्टफ्ड पकोड़े,1,इंसान,2,इंसानियत का पाठ,1,इंस्टंट डोसा,2,इंस्टंट मावा,1,इंस्टंट स्नैक्स,1,इंस्टट ढोकला,1,इंस्टेंट कुल्फी,1,इंस्टेंट मिठाई,1,इडली,3,इन्डियन टाइम,1,इमली,1,इरोम शर्मिला,1,ईद,1,ईश्वर,7,ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना,1,ईसा मसीह,1,उटी,1,उपमा,3,उपवास,1,उपवास का हांडवो,1,उपवास की इडली,1,उपहार,2,उमा शर्मा,1,उम्र,1,उम्र का लिहाज,1,ऋषि पंचमी,1,एक सवाल,1,ऐनी दिव्या,1,ऐश ट्रे,1,ऐस्टरॉइड,1,ऑनलाइन,1,ओट्स,1,ओट्स वेजिटेबल ढोकला,1,ओरैया,1,और इज्जत बच गई,1,औरंगाबाद हादसा,1,कंघा,1,कंसन्ट्रेट आम पना,1,कच्चे आम,1,कच्चे आम का चटपटा पापड़,1,कछुआ,1,कटलेट्स,1,कद्दु,1,कद्दु के गुलगुले,1,कद्दू,1,कद्दू का बेसन,1,कन्यादान,3,कबीर सिंह मूवी,1,कम तेल की रेसिपी,1,करवा चौथ,2,करवा चौथ शायरी,1,करवा-चौथ,5,कल्पना सरोज,1,कल्याणी श्रीवास्तव,1,कहानी,34,कांजी,1,काजू,1,काजू करी,1,कानून,1,कामवाली बाई,4,कालीन,1,किचन टिप्स,16,किटी पार्टी,1,किन्नर,1,कियारा आडवानी,1,किराए पर बीवियां,1,किसान,1,किसान आंदोलन,1,कुंडली मिलान,1,कुरकुरे,1,कुल्फी,1,कुल्फी प्रीमिक्स,1,कूकर,1,कृषि विधेयक 2020,1,केईएम् अस्पताल,1,कैंडी,1,कैरी मिनाती,1,कॉर्न,4,कॉर्न इडली,1,कोंडागांव,1,कोरोना,3,कोरोना टिप्स,1,कोरोना वरीयर्स,2,कोरोना वायरस,8,कोरोना वैक्सीन,1,कोविड-19,1,कोवीड-19,2,कौए,1,क्रिसमस डे,2,क्रिसमस डे की शुभकामनाएं,1,क्रिस्पी डोसा बनाने के सिक्रेट्स,1,क्षमा,2,खजूर,1,खत,6,खबर,3,खरबूजा,2,खरबूजे का शरबत,1,खरेदी,1,खांडवी,1,खाद्य पदार्थ,1,खाना,1,खारक,1,खारी गरम,1,खुले में शौच,1,खुशी,2,खेल,1,खोया,1,गणतंत्र दिवस,1,गणेश चतुर्थी,3,गणेश चतुर्थी पर शायरी,1,गणेश चतुर्थी प्रसाद रेसिपी,1,गणेश जी,1,गरम मसाला,1,गर्दन दर्द,1,गर्भावस्था,1,गर्भाशय,1,गलत व्यवहार,1,गलती,2,गांधी जयंती,1,गाजर,6,गाजर अप्पे,1,गाजर के पैनकेक,1,गाजर के लड्डू,1,गाजर मूली का अचार,1,गाजर-मूली के दही बडे,1,गाय,1,गार्डनिंग,1,गुजरात,1,गुजराती डिश,1,गुजिया,1,गुड़,1,गुड टच और बैड टच,2,गुरु पूर्णिमा,1,गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं,1,गुलगुले,1,गुस्सा,1,गृहस्वामिनी,1,गेहूं का आटा,1,गेहूं के आटे की मठरी,1,गैस बर्नर,2,गोभी और चना दाल के बडे,1,गोरखपुर,1,गोरा रंग,1,गोल्फ,1,गौरी पराशर,1,ग्रीन टी,1,घंटी,1,घिया,1,घी,1,घी की नदी,1,चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति,1,चकली,1,चटनी,8,चाँद पर जमीन,1,चाय,1,चाय मसाला,1,चावल,3,चावल के पापड़,1,चाशनी,1,चाशनी वाली मावा गुजिया,1,चींटी,1,चींटीया,1,चीज,1,चीनी देवता,1,चीला,3,चुर्ण,1,चूर्ण,6,छाछ,1,छींक,1,छोटी बाते,1,छोटे लेकिन काम के टिप्स,5,जज्बा,2,जनसंख्या,1,जन्मदिन,3,जन्मदिन की शुभकामनाएं,2,जन्माष्टमी,3,जन्माष्टमी रेसिपी,1,जमाना,1,जलेबी,1,जाट आंदोलन,1,जात-पात,1,जाति,2,जादुई दिया,1,जाम,1,जिंदगी,2,जींस,1,जीएसटी,1,जीरो ऑइल रेसिपी,5,जोक्स,5,जोमैटो,1,जोयिता मंडल,1,जोरु का गुलाम,1,ज्वार की रोटी,1,ज्वेलरी,1,झारखंड,1,झाले-वारणे,2,झूठ,1,टमाटर,1,टमाटर प्यूरी,1,टमाटर सूप,1,टिप्स कॉर्नर,49,टी.व्ही. और सिनेमा,1,ठंडा पानी,1,ठंडे पेय,6,ठेचा,1,डर,2,डैंड्रफ,1,डॉक्टर,2,डॉटर्स डे,2,डोनाल्ड ट्रम्प,1,डोसा,2,ड्राई फ्रूट,2,ड्राई फ्रूट मोदक,1,ड्राई फ्रूट्स लड्डू,1,ड्रेगन,1,ढाबा स्टाइल सब्जी,2,ढाबे वाली दम अरबी,1,ढोकला,1,ढोकले,1,तरबूज,2,तरबूज के छिलके का हलवा,1,तलाक,1,ताजे नारियल की बर्फी,1,तिल,4,तिल की कुरकुरी चिक्की,1,तिल के लड्डू,2,तिल गुड़ की रेवड़ी,1,तुलसी,1,तेल,1,तेलंगाना,1,तोहफ़ा,1,त्यौहार,1,थ्री इडियट्स,1,दक्षिणा,1,दर्द का रिश्ता,1,दवा,1,दशहरा,1,दशहरा की शुभकामनाएं,1,दशहरा शायरी फोटो,1,दही,6,दही और लहसुन की चटनी,1,दही वाली लौकी की सब्जी,1,दही सैंडविच,1,दहेज,3,दाग-धब्बे,1,दान,1,दासी,1,दिपावली,1,दिपावली बधाई संदेश,3,दिवाली,2,दिवाली मिठाई,1,दिशा,1,दीपावली शुभकामना संदेश,1,दीवाली रेसिपी,1,दुःख,1,दुध पावडर,1,दुबई,1,दुबई यात्रा,1,दुर्गा माता,1,दुल्हा,1,दुश्मन,1,दूध,4,देशभक्ति,3,देशभक्ति शायरी,2,देहदान,1,दोस्त,2,दोस्ती,1,धनिया,1,धर्म,3,धर्मग्रंध,1,धार्मिक,44,नई जनरेशन,2,नक्सली,1,नजर,1,नजर कैसे उतारु,1,नदी में पैसे,1,नन्ही परी,1,नमक पारे,1,नमकीन,1,नया साल,1,नवरात्र,2,नवरात्र स्पेशल,2,नवरात्रि,3,नवरात्रि की शुभकामनाएं,1,नवरात्रि शायरी फोटो,1,नवरात्री रेसिपी,9,नववर्ष,2,नववर्ष की शुभकामनाएं,2,नाइंसाफी,1,नाग पंचमी,1,नागरिकता संशोधन कानून,1,नानी,1,नारियल,2,नारियल छिलने का तरीका,1,नारियल बर्फ़ी,1,नारी,56,नारी अत्याचार,14,नारी शिक्षा,1,नाश्ता,1,निंबु का अचार,1,निक वुजीकीक,1,निचली जाती,1,निमकी,1,निर्णयक्षमता,1,निर्भया,2,निवाला,1,नींबू,2,नींबू का शरबत,1,नीडल थ्रेडर,1,नेत्रदान,1,नेपाल त्रासदी,1,नेल आर्ट,1,न्याकिम गैटवेच,1,न्यू इयर रेसोल्युशन,1,न्यूजीलैंड,1,पकोडे,3,पकोड़े,2,पक्षी,1,पढ़ा-लिख़ा कौन?,1,पढ़ाई,1,पति,1,पति का अहं,1,पति-पत्नी,1,पति-पत्नी संबंध,1,पत्ता गोभी,3,पत्ता गोभी की मुठिया,1,पत्नी,1,पत्र,1,पनीर,2,पनीर बटर मसाला,1,पनीर मोदक,1,पपीता,1,परंपरा,3,परफ्यूम,1,परवरिश,6,पराठे,3,परीक्षा,2,परेशानी,1,पर्स,1,पल्ली उत्सव,1,पवित्र,1,पवित्रता,2,पसंदीदा शिक्षक को पत्र,1,पान गुलकंद मोदक,1,पानी,1,पानी कैसे पीना चाहिए,1,पापड़,3,पालक,2,पालक के नमक पारे,1,पालक बडी,1,पाश्चात्य संस्कृति,1,पिता,2,पीरियड,1,पीरियड पॉलिसी,1,पीरियड्स,2,पुण्य,2,पुरानी मान्यताएं,1,पुलवामा हमला,1,पूडी,1,पूरी,1,पेड-पौधे,1,पेड़े,1,पेढे,1,पैड्मैन,1,पैदाइशी गरीब नहीं हूँ,1,पैनकेक,2,पैरेंटीग,1,पोर्न मूवी,1,पोषण,1,पोहा,2,पोहे के कुरकुरे,1,प्याज,5,प्याज की चटनी,1,प्याज के क्रिस्पी पकोड़े,1,प्यार,2,प्यासा कौआ,1,प्रत्यूषा,1,प्रद्युम्न,1,प्रवासी मजदूर,2,प्रसन्न,1,प्राणियों से सीख,1,प्रियंका रेड्डी,1,प्री वेडिंग फोटोशूट,1,प्रीमिक्स,3,प्लास्टिक बाल्टी कैसे साफ़ करे,1,फर्रुखाबाद,1,फल,2,फल और सब्जी खरीदने से पहले,1,फलाहार,1,फलाहारी दही वडे,1,फल्लिदाने,1,फादर्स डे,3,फूल,1,फूल गोभी के परांठे,1,फ़ेंगशुई,1,फेसबुक,2,फैशन,1,फ्रिज,1,फ्रिज में सब्जी,1,फ्रेंडशीप डे,1,फ्रेंडशीप डे शायरी,1,बंटवारे की अनोखी शर्त,1,बकरीद,1,बची हुई सामग्री का उपयोग,1,बच्चे,9,बच्चे की ज़िद,1,बच्चें,1,बछबारस,1,बटर,1,बड़ा कौन?,1,बढ़ती उम्र,2,बदला,1,बदलाव,1,बधाई संदेश,4,बरबादी,1,बर्फी,2,बलात्कार,10,बहन की रक्षा,1,बहू,4,बहू जैसा प्यार,1,बाजरा,1,बाल दिवस,1,बाल शोषण,2,बाहर का खाना,1,बिना गैस रेसिपी,3,बिना प्याज लहसुन की रेसिपी,7,बिमारियों की असली वजह,1,बिल्ली के गले में घंटी,1,बिस्किट,1,बिस्कुट,1,बुढ़ापा,1,बुर्ज अल-अरब,1,बुर्ज खलीफा,1,बुलंदशहर गैंगरेप,1,बेटा,2,बेटा पढाओ,1,बेटी,7,बेटी बचाओ अभियान,2,बेटे का फ़र्ज,1,बेबी फार्मिंग,1,बेमेल आहार,1,बेसन,2,बेसन के लड्डू,1,बैंगन,1,बोझ,1,बोर होना,1,ब्रेकअप,1,ब्रेकिंग न्यूज,1,ब्रेड,5,ब्रेड की रसमलाई,2,ब्रेड पकोडा,1,ब्रेड पिस्ता पेढे,1,ब्रेड मलाई रोल,1,ब्लॉगअद्दा एक्टिविटी,1,ब्लॉगर ऑफ द इयर 2019,1,ब्लॉगर्स रिकोग्निशन अवार्ड,1,ब्लॉगिंग,6,ब्ल्यू व्हेल गेम,1,भक्ति,1,भगर,5,भगर की इडली,1,भगर के उत्तपम,1,भगर के कटलेट,1,भगवान,4,भजिए,2,भरता,1,भरवां मिर्च,1,भरवां शिमला मिर्च,1,भरवां हरी मिर्च का अचार,1,भाई दूज शायरी,1,भाकरवड़ी,1,भागीरथी अम्मा,1,भाभी,1,भारत,1,भारतीय नारी,1,भारतीय मसाले,1,भिखारी,1,भुट्टे के पकोड़े,1,भूकंप,1,भोजन,1,भ्रुण हत्या,1,मंदसौर गैंग रेप,1,मंदिर,3,मंदिरों में ड्रेस कोड़,1,मंदिरों में दक्षिणा,1,मकई,4,मकई उपमा,1,मकई चीला,1,मकई पकोडे,1,मकर संंक्रांति,1,मकर संक्रांति,4,मकर संक्रांति की शुभकामनाएं,1,मकर संक्राति,1,मखाना,1,मखाने के लड्डू,1,मजेदार पहेलियाँ,1,मटके पर औंधा लोटा,1,मटर,4,मटर के अप्पे,1,मटर के पकोड़े,1,मठरी,4,मठ्ठा,1,मथुरा के पेड़े,1,मदर्स डे,4,मदर्स डे का गिफ्ट,1,मम्मी,1,मलाई,2,मलाई फ्रूट सलाद,1,मल्ला तामो,1,मसाला छाछ,1,मसाला मठरी,1,मस्जिद,1,महात्मा गांधी जी,2,महानता,1,महाराजा अग्रसेन जी,1,महाराष्ट्र में आरक्षण,1,महिला आजादी,1,महिला आरक्षण,1,महिला दिवस,1,महिला सशक्तिकरण,4,महिला सुरक्षा,1,महिलाओं का पहनावा,1,माँ,3,माउथ फ्रेशनर,1,माता यशोदा,1,माता लक्ष्मी,1,मातृभाषा,1,मायका,2,मारवाड़ी,1,मार्केट जैसे साबूदाना पापड़,1,मार्केटिंग स्ट्रेटेजी,1,माला,1,मावा,1,मावा कुल्फी,1,मासिक धर्म,3,माहवारी,6,मिठाई,34,मित्र,2,मिलावट,1,मिलावट पहचानने के घरेलू तरीके,1,मिल्क पाउडर,1,मिस इंडिया 2019,1,मीठे चावल,1,मीठे जर्दा चावल,1,मुक्ति,1,मुखवास,1,मुबारकपुर कला,1,मुरब्बा,1,मुरमुरा,1,मुरमुरा लड्डू,1,मुलेठी,1,मुस्लिम,1,मुस्लिम मंच,1,मुहूर्त,1,मूंग की सूखी दाल का हलवा,1,मूंग दाल,1,मूंग दाल डोसा,1,मूंगफली,1,मूंगफली की सूखी चटनी,1,मूली,4,मूली का अचार,1,मूली के पत्तों के कुरकुरे कटलेट्स,1,मेंढक,1,मेंस्ट्रुअल कप,1,मेंहदी,8,मेडिसिन बाबा,1,मेथी,1,मेथी दाना चुर्ण,1,मेथी मटर मलाई,1,मेनु,1,मेरा मंत्र,3,मेरा सपना,1,मेरी बात,15,मैंगो फ्रूटी,1,मैंगो श्रीखंड,1,मैनर्स,1,मोदक,3,याकूब मोहम्मद,1,यू ए ई,1,रंग,1,रंग पंचमी,1,रक्तदान,1,रक्तदान के फायदे,1,रक्षा बंधन,2,रक्षाबंधन,2,रक्षाबंधन शायरी,1,रजस्वला नारी,5,रवा इडली,1,रसे वाली अरबी,1,रसोई,153,रांगोली,3,राखी,4,राखी स्पेशल मिठाई,1,राज की बात,1,राजभाषा,1,राजस्थानी समाज,2,राजस्व,1,राम,1,राम नाम सत्य है,1,राम रहीम,1,रामनवमी,1,रामनवमी की शुभकामनाएं,1,राशी-भविष्य,1,राष्ट्रगान,1,राष्ट्रगीत,1,राष्ट्रभाषा,1,रिती-रिवाज,1,रिफाइंड ऑयल,1,रिफाइंड ऑयल के नुकसान,1,रिफाइंड तेल,1,रीतिरिवाज,1,रुपया-पैसा,1,रेणुका मिश्रा,1,रेन वाटर हार्वेस्टिंग,1,रेवड़ी,1,रेसोल्युशन,1,रेस्टोरेंट स्टाइल सब्जी,1,रैंचो,1,रोटी,4,रोस्टेड मूंगफली,1,लकड़ी की राख,1,लघुकथा,15,लच्छेदार मठरी,1,लड्डू,7,लहसुन,1,लाइटर,1,लाइफ स्किल्स,1,लाफिंग बुद्धा,1,लाल मिर्च,1,लाल मिर्च का अचार,1,लाल मिर्च की सूखी चटनी,1,लिव इन,1,लिव इन रिलेशनशिप,1,लीव इन रिलेशनशिप,1,लेसुए,1,लैंगिक समानता,1,लॉकडाउन,3,लॉटरी,1,लोकल ट्रेन,1,लोकसभा चुनाव,1,लोग क्या कहेंगे?,1,लौंजी,1,लौकी,4,लौकी का भरता,1,लौकी का हलवा,1,लौकी की बड़ी,1,लौकी की सब्जी,1,वक्त,1,वटसावित्री व्रत,1,वर,1,वर्जिनिटी टेस्ट,1,वर्तमान,1,वर्षा जल संग्रहण,1,वर्षा जल संचयन,1,वाटर प्यूरीफायर,1,वायरल फोटो,1,वारी के हनुमान,1,विदर्भ स्पेशल रेसिपी,1,विधवा,1,विधवा ने किया कन्यादान,1,विधवा विवाह,1,विरुद्ध आहार,1,विशाखापट्टनम रेप कांड,1,वृंदावन,1,वृद्धावस्था,1,वेजिटेबल डोसा,1,वेजिटेबल पैनकेक,1,वैलेंटाइन गिफ़्ट,1,वैलेंटाइन डे,4,वैलेंटाइन डे शायरी,1,वैश्विक महामारी,1,वोट,1,वोट की किंमत,1,व्यंग,14,व्यायाम,1,व्रत,2,व्रत के दही भल्ले,1,व्रत रेसिपी,21,व्रत स्पेशल,2,शकरकंद,2,शकरकंद की जलेबी,1,शकरकंद को कैसे भुने,1,शकुन-अपशकुन,2,शक्करपारे,1,शनि देव,1,शबनम मौसी,1,शब्द,1,शरबत,6,शराब की दुकान,1,शर्बत,1,शर्म,3,शवयात्रा,1,शहद,1,शादी,8,शादी की खरेदी,1,शादी की फ़िजूलखर्ची का बिल,1,शादी के सालगिरह की शुभकामनाएं,1,शादी-ब्याह,3,शायरी,9,शावर,1,शाहिद कपूर,1,शिक्षक दिन,2,शिक्षक दिवस पर शायरी,1,शिक्षा,5,शिमला मिर्च,1,शिवपुरी,1,शिवलिंग,1,शुद्ध शहद की पहचान,1,शुभ मुहूर्त,1,शुभ-अशुभ,4,शुभकामना संदेश,1,शुभम जगलान,1,श्राद्ध,3,श्राद्ध का खाना,1,श्रीकृष्ण,3,श्रेष्ठता,1,संत निकोलस,1,संसद,1,संस्कार,1,संस्मरण,9,सकारात्मक पहल,2,सच बोलने की प्रेरणा,1,सजा मुझे क्यों,1,सतबीर ढिल्लो,1,सपना,1,सफलता,1,सफेद बाल,1,सब्जियों का अचार,1,सब्जियों की कांजी,1,सब्जी,16,समय,1,समाजसेवा,2,समाजिक,1,समाधान,1,समावत चावल,3,समोसा,1,सर के बाल,1,सलाद,2,ससुराल,2,सस्ते कपड़े,1,सहशिक्षा,1,सांता क्लॉज,1,सांप,1,सांभर वडी,1,सांवला या काला रंग,1,साउथ इंडियन डिश,3,साक्षात्कार,5,सागर में ज्वार,1,साफ-सफाई,1,साबुदाना,3,साबुदाना के अप्पे,1,साबुदाना पापड़,2,साबुदाने लड्डू,1,साबुन,1,साबूदाना,3,साबूदाना खिचड़ी,1,साबूदाना वड़ा,1,सामाजिक,87,सामाजिक कार्यकर्ता,1,सालगिरह,6,सावन,2,सास,4,साहित्य,111,सिंगल पैरेंट,1,सिंदूर,1,सीएए,1,सीख-सुहानी,1,सीनू कुमारी,1,सुंदरता,1,सुई,1,सुखी,1,सुजी,1,सूजी,1,सूजी के लड्डू,1,सूप,1,सेनेटरी नेपकिन,1,सेब,2,सेब के छिलके,1,सेलिब्रेटी,1,सेव मेरिट सेव नेशन,1,सेवई उपमा,1,सेहत,2,सैंडविच,1,सोच,1,सोनम वांंगचुक,1,सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट,1,सोलो यूट्यूबर,1,सोशल मीडिया,1,सौंफ,1,सौंफ का शरबत,1,सौंफ प्रीमिक्स,1,सौतेली माता,1,स्कूल,2,स्टफ्ड आम पापड़,1,स्टफ्ड मैंगो रोल,1,स्टार्टर,1,स्त्री,2,स्नैक्स,52,स्वतंंत्रता दिन,1,स्वतंत्रता दिन,2,स्वर्ग और नर्क,1,स्वाभिमान,1,स्वास्थ,2,स्वास्थ्य,16,हंस,1,हनुमान जी,2,हरी मटर,1,हरी मटर के पैनकेक,1,हरी मटर को कैसे स्टोर करें,1,हरी मिर्च,4,हरी मिर्च का अचार,1,हलवा,3,हांडवो,2,हाउसवाइफ,1,हाथी,1,हिंदी उखाणे,1,हिंदी उखाने,1,हिंदी कहानी,2,हिंदी दिवस,1,हिंदी शायरी,31,हिंदु,1,हेयर कलर,1,हैंड सैनिटाइजर,1,हैंडल,1,हैसियत,1,होटल,1,होममेकर,1,होली की शुभकामनाएं,1,होली रेसिपी,1,
हिंदी दिवस पर लिखा गया अच्छा लेख, ज्योति दी :)
जवाब देंहटाएंI just read you blog, It’s very knowledgeable & helpful.
जवाब देंहटाएंi am also blogger
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (03-09-2018) को "योगिराज का जन्मदिन" (चर्चा अंक- 3083) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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श्री कृष्ण जन्मोत्सव की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
धन्यवाद, राधा दी।
हटाएंबहुत अच्छी तरह से लिखा है लेख। ज्योती जी
जवाब देंहटाएंअपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी पर विचारणीय सारगर्भित लेख ज्योति जी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेख
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, नए दौर की गुलामी “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, शिवम जी।
हटाएंहमेशा की तरह बहुत ही अच्छा आर्टिकल। Share करने के लिए धन्यवाद। :)
जवाब देंहटाएंVery logical post in Hindi language, even the distortions is Bengali among the Bengali speaking people i have noticed several time...so ridiculous it is.
जवाब देंहटाएंYes, it has became a trend to send the children in English medium schools and sometime they are scolded badly for speaking or replying in Hindi(In Bengali also).
The change is not possible if certain individuals respect the language until vast people are involved.
Great post _()_
जवाब देंहटाएंGreetings
जय मां हाटेशवरी...
जवाब देंहटाएंअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 04/09/2018
को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद,कुलदीप जी।
हटाएंअंग्रेजी z फॉर ज़ेबरा यानी जानवर पर खत्म होती है और हिंदी ज्ञ से ज्ञानी पर ... बहुत सुंदर अनोखा तर्क दिया आपने ज्योति जी |अंग्रेजी के अलावा हिंदी या कोई भी भाषा बोलने में अपने को कम पढ़ा -लिखा समझना मूर्खता है परतु ऐसा होता जा रहा है | ये तो भला हो इन्टरनेट का जिसकी वजह से हिंदी का प्रचार प्रसार बढ़ा और केवल हिंदी पढने समझने वाले लोग भी अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी कर पाए | हिंदी पखवारे पर एक सार्थक लेख ... बधाई
जवाब देंहटाएंहिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं, राजभाषा हैं
जवाब देंहटाएंये सच कितना कटु है, हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा न मिलना, दुःखद है
बहुत अच्छी प्रेरक प्रस्तुति
मानसिक गुलामी ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही। दुकानों इत्यादि के नामों में अंग्रेजी की बैसाखी तो लगती ही है, भाई लोग मंदिरों को भी नहीं छोड़ते ! जनकपुरी में एक चतुर विद्वान ने पैदल पथ पर एक मंदिर बना नाम रख दिया ''ग्रैजुएट हनुमान मंदिर'' ! लोग आते भी हैं ! मंगल-शनि पर चढ़ावा भी चढ़ता है !!
जवाब देंहटाएंजी, आपने सही कहा हिन्दी हमारे देश की राज भाषा है। हमे इसमें अपने विचार व्यक्त करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए और न ही शर्म महसूस करनी चाहिए। हाँ, आपने लेख में कुछ उदाहरण दिए हैं जैसे फोटो कॉपी,प्रिंट इत्यादि। मेरा मानना है कि हिन्दी में इन शब्दों को जस का तस प्रयोग करना चाहिए। इनकी उत्पत्ति उधर ही हुई है इसलिए इनका अनुवाद करना वैसे ही होगा जैसे पीटर नाम को हिंदी में अनूदित करना। बाकी बढ़िया लेख। काफी जरूरी बातों पर प्रकाश डालता है। आभार आपका।
जवाब देंहटाएंविकास जी, मैं ने अपने लेख में यह कहीं नहीं कहा कि फोटो कॉपी,प्रिंट इत्यादि शब्दों का उपयोग करना गलत हैं। मैं ने तो सिर्फ़ यह बताया हैं कि हिंदी में अंग्रेजी भाषा कैसे मिल गई हैं! वैसे भी सर्वे बताते हैं कि जो भाषा दूसरी भाषा को अपने में समाहित करती हैं वो उतनी ही समृद्दध होती हैंं। वैसे भी शुद्ध हिंदी बोलना या लिखना आज हमारे लिए एक नामुमकिन काम हो गया हैं। यदि हम रेलगाडी को लोहपथगामिनी कहेंगे तो कितने लोगों को समझेगा?
हटाएंजी, आपने सही कहा। जिस चीज की उत्पप्ति जिधर होती है वही नाम इस्तेमाल करने के लिए सही होता है। अब खीर, पूरी, भठूरे,जलेबी इत्यादि को अंग्रेजी में भी यही कहा जाएगा। इनका अनुवाद वो करने लगे तो नानी याद आना तय है।
हटाएंमैने ईमेल वगेरह के लिए भाषा की सेटिंग हिंदी करी हुई है। उधर अनुवाद का प्रकोप देखने को मिलता है। यही हाल word या गूगल drive का भी है। कई बार अनुवाद के चक्कर में चीजें और कठिन हो जाती हैं जिससे उसका उपयोग अपने आप घट जाता है।
जी, भाषा तो वही रहेगी जो सबको अपना बनाकर आगे बढ़ेगी। मुझे लगता है हिंदी का सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों ने किया है जो शुद्धता के नाम पर इसे जड़ बनाना चाहते हैं। यह आम जनमानस से भाषा को काटती है और इसे अकादमियों या सरकारी दफ्तरों तक ही इसे सीमित रखती है।
हमे एक बीच का रास्ता अपनाना होगा ताकि भाषा की सहजता और गरिमा दोनों बनी रहें।
मेरी टिप्पणी से अगर आपको बुरा लगा हो तो माफ़ी। मैं यह कहना चाह रहा था कि क्योंकि हम लोग ग्लोबलाइजेशन के दौर में हैं और अलग अलग जगह से निर्मित वस्तुओं और तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ऐसे में इन चीजों और तकनीक के नाम को जस का तस भाषा में प्रयोग करेंगे। शायद मैं ढंग से अपनी बात लिख न सका।
विकास जी, बुरा लगने लायक ऐसा कुछ भी गलत आपने नहीं लिखा हैं। मुझे तो खुशी हैं कि आपने मेरा लेख ध्यानपूर्वक पढ़ा और उस पर सविस्तर टिप्पणी भी की। बहुत बहुत धन्यवाद, आपका।
हटाएंअरे दी,क्या करियेगा,आधुनिक समाज में बदलाव की हवा में हिंदी बोलकर कौन अपने को गँवार दिखाये।सही कहा गगन जी ने मानसिक गुलामी केक्षशिकार हैं हम सब।
जवाब देंहटाएंहमेशा की.तरह बेहद प्रेरक लेख है।
बेहद जानदार लेख
जवाब देंहटाएंहिंदी में मिलावट हिंदी का कमजोर होना नही है बल्कि हिंदी के दायरे का विकाश का घोतक होना चाहिए
चाहे वह अंग्रेजी की मिलावट हो चाहे वह पंजाबी की हो या फिर अन्य किसी भी बोली या भाषा की हो.
मिलावटी रूप में ही क्यूँ न हो वह बोलचाल की भाषा जरुर होनी चाहिए.
रोहोतास जी, मैं ने लेख में यह नहीं कहा हैं कि हिंदी में मिलावट से हिंदी कमजोर होती हैं। आपने सही कहा कि मिलावट से हिंदी का विकास ही होगा।
हटाएंbilkul shi title chuna hain apne, aisa hona hi chiaye
जवाब देंहटाएंहालाँकि मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ की "हिंदी भाषा एक अनपढ़ को ज्ञानी बनाती हैं तो अंग्रेजी जानवर!" लेकिन आपके लेख के उद्द्येश्य से ज़रूर सहमत हूँ I हिंदी के पिछड़ने का एक कारण यह भी है की ऊँचे स्तर की पढ़ाई जिसमे भौतिकी, रसायन शाश्त्र ,जिव विज्ञान, भू विज्ञान आदि शामिल है, तो उसके समझ के अंतर्राष्ट्रीय आदान प्रदान में अंग्रेजी जिस सुविधाजनक रूप से काम में आ सकती है शायद उतनी सुविधाजनक हिंदी न हो I तो एक जोड़ने वाली भाषा के रूप में अंग्रेजी का स्थान तो है I भाषा की लचीलता का भी एक महत्व है की क्या एक भाषा हर प्रकार के विचार को सम्प्रेषित करने में सक्षम है ? और अगर हाँ तो वो लोकप्रिय होगी हीं होगी I लेकिन शायद कभी संस्कृत के जैसे, जिसमे हर प्रकार के वैज्ञानिक विषयों पे टिकाएं उपलब्ध होती थीं और हैं और उसका अध्ययन अंग्रेजी बोलने वाले लोग भी करते हैं और करते रहे हैं , वो स्थान हिंदी भी पा जाए लेकिन इसके लिए देश की क्षमता और उसके विकास का भी अपना महत्त्व है I
जवाब देंहटाएंनीरज जी, अंग्रेजी इंसान को जानवर बनाती हैं इस वाक्य का शब्दशः मतलब सही नहीं हो सकता। कोई भी भाषा इंसान को जानवर नहीं बना सकती। ये उदाहरण सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी की वर्णमाला के दृष्टिकोण से व्यंगात्मक रूप में दिया गया हैं।
जवाब देंहटाएंआपने बिल्कुल सही कहा कि यदि विज्ञान आदि विषय हिंदी में सरलता से उपलब्ध हो तो हिंदी का विकास हो सकता है।
इतनी सविस्तर और बढ़िया टिप्पणी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत बढ़िया | हिंदी हमें सबसे प्यारी |
जवाब देंहटाएंइस लेख को पढ़कर मुझे भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित प्रसिद्ध कविता “मातृभाषा के प्रति” याद आ गयी, जिसकी चार पंक्तियाँ यह हैं :- निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
जवाब देंहटाएंबिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल ।
अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन ।
सच में आज हिंदी आगे बढ़ रही हैं, लेकिन इसमें इंग्लिश के शब्द इतने ज्यादा शामिल हो गये हैं की अब हिंदी से परिवर्तित होकर हिंगलिश बन गयी हैं. हिंदी बोलने, लिखने और पढ़ने में स्वयं को गौरवान्वित होना चाहिए. माना की अंग्रेजी आज के युग में विकास के लिए जरूरी हैं, परन्तु हिंदी हमारी आत्मा हैं. हिंदी को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना खुद भारत में ही करना पड़ता हैं, खास करके दक्षिण भारत के राज्य हिंदी को पसंद नहीं करते है. हिंदी हर सच्चे भारतीय को आनी ही चाहिए...
कबीर जी,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित प्रसिद्ध कविता के अंश बहुत ही अच्छे हैं। शेयर करने के लिए धन्यवाद। इतनी सारगर्भित टिप्पणी के लिए भी आभार।
जवाब देंहटाएंBilkul sahi kaha mam apne muje garv hai hindi pe Hindustan pe par kuch log hai jo khud ko angrej ke bache samj liye hindi me kuch bol to asa shock hote hai jase asli angrej ye hi thi saram ani chahiye jise hindi nahi ata ya jo hindi ka majak udate hai jai hindi diwas amar rahe
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा, सुनील जी।
हटाएंप्रिय ज्योति बहन आपने हिन्दी को लेकर बहुत ही सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किए चिंतन देती आपकी व्याख्याएं सटीक है ।
जवाब देंहटाएंहम हर भाषा को मान लें, सीखें कोई ग़लत नहीं हैं बस मां को मां का स्थान दें मौसी के लाड़ में मां को न भुलें।
आपका लेख बहुत ही मनोवैज्ञानिक है साथ ही बहुआयामी भी ।
साधुवाद।
हिंदी उच्च नीच को नहीं मानती इसलिए हिंदी में • न ही कोई कैपिटल लेटर होता हैं और न ही कोई स्मॉल। इतना ही नहीं तो आधे अक्षर को साथ देने के लिए पूरा अक्षर हमेशा तैयार रहता हैं।
जवाब देंहटाएंपूरे लेख का सार ये अन्तिम पंक्तियां हिन्दी की महानता और गौरव का प्रतीक....
बहुत ही सारगर्भित लेख के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं ज्योति जी!
मैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही ज्ञानवर्धक और मददगार है।
जवाब देंहटाएंज्योति, हिंदी दिवस पर किसी मूर्ख नेता का बचकाना भाषण उद्धृत करना तो एक गंभीर विषय को मज़ाकिया मोड़ देने जैसा है. अध्यापन में सारी उम्र बिताने के बाद मैं तो इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि फ़िलहाल भारत में तरक्की करने के लिए नई पीढ़ी को अंग्रेज़ी तो सीखनी ही पड़ेगी और अगर हो सके तो कोई अन्य भाषा जैसे चीनी या जापानी भी कोई सीख ले तो उसे आगे बढ़ने से फिर कोई नहीं रोक सकता. हिंदी की विशेषता गिनाते समय हमको यह नहीं भूलना चाहिए कि सिर्फ़ हिंदी का ज्ञान हमको सफल नेता तो बना सकता है लेकिन अन्य क्षेत्रों में हमारा पिछड़ना तय है. हमारे-तुम्हारे जैसे पढ़े-लिखे हिंदी भाषी शायद ही कोई अन्य भारतीय भाषाएँ जानते हैं. क्या यह हमारे लिए शर्म की बात नहीं है? तमिल और बांगला जैसी महान भाषाओँ के ग्रंथों को मूल रूप में हम हिंदी भाषी पढ़ ही नहीं सकते. हिंदी का विकास हो रहा है पर वह बाज़ार की आवश्यकता है. हिंदी का प्रचार मुम्बैया सिनेमा की बदौलत हो रहा है तो इस पर भी हमको गर्व करने का अधिकार नहीं है. हमने हिंदी को सक्षम बनाने के लिए कुछ नहीं किया है. मुझे हिंदी बोलने में शर्म नहीं आती लेकिन मुझे हम हिंदी भाषियों की काहिली पर, हमारी हठवादिता पर बहुत शर्म आती है.
जवाब देंहटाएंगोपेश भाई, नेता का बचकाना भाषण इसलिए ताकि हमारे नेता लोग हिंदी के नाम पर क्या क्या और कैसे बोलते है यह बता सकु।
हटाएंमैं आपके इस कथन से, ""मुझे हिंदी बोलने में शर्म नहीं आती लेकिन मुझे हम हिंदी भाषियों की काहिली पर, हमारी हठवादिता पर बहुत शर्म आती है." सहमत हूं।
सार्थक प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद।
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15-9 -2020 ) को "हिंदी बोलने पर शर्म नहीं, गर्व कीजिए" (चर्चा अंक 3825) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
हटाएंबहुत सुन्दर
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