क्या आपके घर के तुलसी के पौधे पर कीड़ा लग गया है? क्या तुलसी बराबर नहीं बढ़ रही है? यदि हाँ, तो जानिए तुलसी के पौधे को हरा भरा रखकर कीड़ों से कैसे बचाएं?
तुलसी का पौधा लगभग हर घर में होता है। लेकिन अक्सर कई लोगों को समस्या आती है कि उनके घर के तुलसी के पौधे पर कीड़ा लग जाता है या वो बराबर बढ़ता नहीं है या वो सूखने लगा है। यदि आपको भी ये परेशानियां आ रही है, तो ये टिप्स आपके लिए बहुत कारगर साबित होंगे।
दोस्तो, पौधों की देखभाल भी बच्चों की तरह बहुत ही जतन से करनी पड़ती है, तभी वे अच्छे से फलते-फुलते है। आइए, जानते है तुलसी की देखभाल कैसे करनी चाहिए ताकि उस पर कीड़े न लगे, वो घनी हो और अच्छे से बढ़े...
• तुलसी लगाने के लिए गमला कैसा होना चाहिए?
तुलसी लगाने के लिए गमला बड़ा और गहरा ही लेना चाहिए।
गमला कम से कम 12 से 15 इंच बड़ा ही होना चाहिए। क्योंकि जब तुलसी को मंजरी आती है, तो उसको ज्यादा न्युट्रिशन की जरुरत होती है। इसके लिए तुलसी अपनी जड़े फैलाती है। लेकिन गमला यदि छोटा है, तो उसे जड़ों को फैलाने की जगह नहीं मिलती और जड़े वहीं की वहीं गोल गोल हो जाती है। तुलसी जड़ों से पानी reverse osmosis की तकनीक से सीधे सीधे लेती है। जड़े गोल गोल होने पर तुलसी जड़ों से पानी बराबर नहीं ले पाती। परिणामत: तुलसी सूखने लगती है।
तुलसी लगाने के लिए हमेशा मिट्टी का ही गमला ले।
सिरेमिक, मार्बल या प्लास्टिक के गमलों में हवा अंदर न जाने के कारण तुलसी की जड़ों को ऑक्सिजन नहीं मिल पाता है। सिरेमिक के गमलों में गर्मी में दरारे पड़ सकती है, तो मार्बल और प्लास्टिक के गमले गर्मी में गर्म होने से गमले की मिट्टी भी गर्म होगी जिससे तुलसी सूखने लगेगी। यदि आप सिमेंट का गमला ले रहे है, तो गमले को 3-4 दिन पानी के टब में भीगो कर रखे फ़िर उपयोग करे। गमला चाहे मिट्टी का हो या सिमेंट का उस पर प्लास्टिक पेंट कभी ना करे। क्योंकि इससे हवा गमले के अंदर नहीं जा पाती।
इसलिए तुलसी लगाने के लिए हमेशा मिट्टी का ही गमला ले। क्योंकि मिट्टी के गमले में बहुत सारे छेद होते है जिनसे ऑक्सिजन अंदर जाने से तुलसी हेल्दी रहती है। दूसरे मिट्टी के गमले गर्मी में ठंडे और ठंडी में गर्म रहते है।
• तुलसी कैसी मिट्टी में लगाएं?
तुलसी लगाने के लिए मिट्टी तैयार करते वक्त 70% मिट्टी और 30% रेत का इस्तेमाल करे।
• तुलसी को पानी कितना चाहिए?
तुलसी के पौधे को पानी बहुत ही कम चाहिए होता है। हम लोग तुलसी की पूजा करते वक्त बड़ा लोटा भर भर कर पानी डालते है। हमें लगता है कि इससे हमें पुण्य मिलेगा! लेकिन ज्यादा पानी की वजह से तुलसी सड सकती है! यदि आप रोज पूजा के वक्त तुलसी में पानी डालते है, तो बिल्कुल थोड़ा थोड़ा ही डाले। गर्मी के दिनों में एक लोटा भर पानी डाल सकते है। बरसात में ध्यान दीजिए कि तुलसी के गमले में से पानी की निकासी बराबर हो।
• तुलसी को घना कैसे करे?
तुलसी के पौधे को घना करने के लिए उसकी कटिंग करते रहना जरुरी है। जब पौधा 5-6 इंच का हो जाएं तभी उसको सबसे उपर से तोड़ दे। उपर चित्र में दिखाएं अनुसार मैं ने 29 अगस्त 2020 को तुलसी को उपर से काट लिया था। 9 सितम्बर 2020 को ही तुलसी को इतनी टहनियां निकल गई। बाजू से जो टहनियां निकली है, उनको भी उपर के चित्र मेंं दिखाएं अनुसार तोड़ लीजिए। इससे पौधा घना होता जाएगा। यदि हमने इस तरह तुलसी को नहीं तोड़ा तो तुलसी सीधी सीधी ही बढ़ेगी। उसको इतनी टहनियां नहीं आएगी।
तुलसी पर जब मंजरी आ जाएं तो उन्हें तोड़ लीजिए। यदि मंजरी नहीं तोड़ी गई तो तुलसी बराबर नहीं बढ़ पाएगी। अपने शास्त्रों के अनुसार तुलसीदल भगवान को चढाया जाता है। हम भगवान के लिए तुलसीदल तोड देंगे तो तुलसी का पौधा बच जाएगा। भगवान को तुलसीदल चढ़ाने से पुण्य मिलेगा या नहीं ये तो मुझे नहीं पता लेकिन इस बहाने हम जो तुलसीदल तोडते है उससे तुलसी का दर्द कम होने से हमें पुण्य जरुर मिलेगा। इसलिए तुलसी की मंजरी बराबर तोड़ते रहे।
• तुलसी को कीड़ों से कैसे बचाएं?
यदि आपके तुलसी के पौधे में कीड़े लग रहे है, तो नीम तेल का स्प्रे करे। इसके लिए एक लीटर पानी में 10 बूंद नीम तेल की डाल कर स्प्रे करे। ध्यान दीजिएगा कि यदि नीम तेल ज्यादा हो गया तो तुलसी सूख सकती है। यदि नीम तेल नहीं है, तो राख का छिडकाव भी कर सकते है। वैसे आजकल हर घर में गैस होने से राख भी ज्यादातर घरों में नहीं होती! तो इसका भी इलाज है मेरे पास! होली तो लगभग हर जगह मनाई जाती है। मैं होली की राख उठा कर ला लेती हूं और उसे छान कर रख लेती हूं।
यदि कीड़े ज्यादा हो और एक बार में न निकले तो 5-6 दिन बाद और डाले। इस तरह दो-तीन बार डालने से कीडों का नामोनिशान नहीं रहेगा।
• तुलसी में कौन सी खाद डालनी चाहिए?
तुलसी को बहुत कम खाद की जरुरत होती है। सिर्फ़ गोमुत्र डालने से या गोमुत्र का स्प्रे करने से भी काम चल जाता है। एक लीटर पानी में 100 मिलीलीटर गोमुत्र मिलाकर पेड़ की मिट्टी में डाले और पेड़ पर भी स्प्रे कर दे। गोमुत्र खाद का भी काम करेगा और किटकनाशक के रुप में भी काम करेगा। मिट्टी में गोमुत्र डालने से पहले मिट्टी की गुडाई अवश्य करे। ग्रामीण इलाकों में तो गोमुत्र आसानी से मिल जाता है। शहरी इलाकों के लोग पतंजलि का गोमुत्र ले सकते है।
यदि आप इन छोटी-छोटी टिप्स का ख्याल रखोगे, तो आपके घर की तुलसी कभी नहीं सूखेगी हमेशा हरी भरी रह कर घनी भी होगी।
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (16-09-2020) को "मेम बन गयी देशी सीता" (चर्चा अंक 3826) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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मेरी रचना को चर्चामंच में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,आदरणीय शास्त्री जी।
हटाएंतुलसी पौधे को देखरेख व उसके बढने और कीटाणु मुक्त रखने के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने...।
जवाब देंहटाएंआदरणीया ज्योति जी, तुलसी के पौधे के रखरखाव के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी! हार्दिक साधुवाद!--ब्रजेन्द्रनाथ
जवाब देंहटाएंJyoti ji, very informative post on Tulsi plant.
जवाब देंहटाएंअत्यन्त उपयोगी लेख । मैं स्वयं अपने यहाँ गमले में लगाई गई तुलसी के लिए इनमें से कुछ उपायों पर अमल करूंगा । हार्दिक आभार आपका ।
जवाब देंहटाएंअच्छा समझाया तुलसी के देख रेख को।साधूबादरअसल ।
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