समाज में बढ़ती हैवानियत से अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हमें जागरुक होना आवश्यक हैं। लेकीन बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में कैसे सिखाएं यह बात समझ में नहीं आती हैं। इन टिप्स को अपनाकर आप आसानी से अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सीखा सकते हैं।
कैसे सिखाएं बच्चों को गुड टच और बैड टच??
हम अपने बच्चों को बडों की इज्जत करना, थैंक्यु और सॉरी बोलना, स्कूल का होमवर्क समय पर खत्म करना आदी बातें तो सिखाते हैं लेकीन उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में बताना आवश्यक नहीं समझते। हमें लगता हैं कि इन सब बातों के लिए अभी वे छोटे हैं। यहीं पर हम से गलती हो जाती हैं। हमारी नजर में बच्चे छोटे रहते हैं लेकिन कुछ गलत लोग छोटे-बडे का फर्क ही नहीं करते! इसलिए ही तो तीन साल की मासूम बच्ची का भी बलात्कार होता हैं! सर्वेक्षण बताते हैं कि हर 10 बच्चों में से 1 बच्चा यौन शोषण का शिकार होता हैं। इसलिए बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सिखाना बहुत जरुरी हैं। क्योंकि बच्चे इतने मासूम होते हैं कि वो ये सब बातें समझ ही नहीं पाते। और आज इंटरनेट पर सब कुछ उपलब्ध है, बच्चे ऐसा कुछ देख सकते हैं, जिसके बारे में उनको कुछ पता नहीं है और ये उन पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। आइए, जानते हैं कि आखिरकार कैसे सिखाएं बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में...
• बच्चों को विश्वास दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं-
सबसे पहले अपने बच्चों को विश्वास दिलाएं कि चाहे कुछ भी हो जाएं हर स्थिती में आप उनके साथ हैं। चार साल की उम्र से ही यह समझाना शुरु कर दे कि वे किस पर ज्यादा यकीन कर सकते हैं और किस पर नहीं। अपने बच्चों से इस विषय पर खुल कर बात करे। उनसे दिन भर के कार्य की जानकारी ले। वे आज किस नए व्यक्ति से मिले? उसने उससे क्या बात की? आदी। बच्चों को आप पर इतना विश्वास होना चाहिए कि किसी भी अनहोनी की स्थिती में आप बच्चे पर एकदम से नाराज नहीं होंगे। पहले बच्चे की बात सुनेंगे और फिर बच्चे की गलती हैं या नहीं इसका फैसला करेंगे। बच्चे को बताएं कि यदि कोई व्यक्ति उसके साथ कोई गलत हरकत करता हैं तो इसमें बच्चे की कोई गलती नहीं हैं। आपको उस पर पूरा विश्वास हैं। आप हमेशा उसका साथ देंगे! ऐसा होने पर बच्चे आप से अपने मन की हर बात निसंकोच हो कर शेयर करेंगे। इससे भविष्य में होने वाली कई अनहोनियों को टाला जा सकता हैं। क्योंकि सर्वेक्षण के अनुसार, यौन शोषण का शिकार हुए बच्चों में से 98 फीसदी बच्चे घर में इस बारे में बताते नहीं हैं।
बच्चों को बताएं कि कपडे पहनने के बाद भी शरीर के कुछ भाग हमेशा दिखते हैं। जैसे कि चेहरा, गर्दन, हाथ और पैर। यदि कोई व्यक्ति शरीर के इन भागों को छुए तो एक बार चल जाएगा। लेकिन शरीर के कुछ भाग ऐसे हैं जो प्रायवेट भाग कहलाते हैं। हम शरीर के प्रायवेट भागों को छुपाकर रखते हैं। इन प्रायवेट भागों को समझाने के लिए बच्चों को स्विमिंग कॉस्ट्यूम का चित्र बताकर समझाएं। उन्हें बताएं कि स्विमिंग कॉस्ट्यूम में शरीर के जो भाग छुपे रहते हैं वो हमारे प्रायवेट पार्ट्स हैं। शरीर के इन प्रायवेट पार्ट्स पर सिर्फ उनका अधिकार हैं। इन प्रायवेट पार्ट्स को कोई भी व्यक्ति छू नहीं सकता। सिवाय माता-पिता के, जब वे उनके कपडे बदल रहे हो या डॉक्टर के, जब वे आपका चेकअप कर रहे हो और वो भी माता-पिता की उपस्थिति में! बच्चों को बताएं कि आपकी अनुमती के बिना कोई भी व्यक्ति इन प्रायवेट पार्ट्स को देख नहीं सकता या छू नहीं सकता। और आप भी अन्य किसी व्यक्ति के प्रायवेट पार्ट्स को छू नहीं सकते। शरीर के इन प्रायवेट पार्ट्स को यदि कोई छूएगा तो वो 'बैड टच' कहलाएगा।
• गुड टच और बैड टच को कैसे पहचाने?
गुड टच वह टच होता है, जिससे आपको खुशी मिलती है। जैसे कि मम्मी-पापा जब आपको प्यार से स्पर्श करते हैं या चुमते हैं तो आपको अच्छा लगता हैं। कोई व्यक्ति आपको गले से लगा ले, आपसे हाथ मिला ले, आपकी पीठ थपथपा दे, तो आपको खुशी मिलती हैं। लेकिन यदि किसी व्यक्ति के छुने से आपको अच्छा नहीं लगता हैं, उससे आपको परेशानी महसूस होती हैं, बुरा लगता हैं, तो वह बैड टच हैं। चाहे वह व्यक्ति हमारा कितना भी करीबी रिश्तेदार ही क्यों न हो!
• बच्चों को ‘नहीं’ कहना सिखाएं
• बच्चों को सिखाएं कि यदि कोई व्यक्ति आपके प्रायवेट पार्ट्स को छुता हैं या किसी व्यक्ति के छुने से आपको अच्छा महसूस नहीं होता हैं मतलब आपको लगता हैं कि यह 'बैड टच' हैं तो उसे जोर से ‘नहीं’ कहे।
• किसी भी अनजान व्यक्ति से खाने-पीने की कोई चीज न ले, चाहे वह आपकी पसंदीदा चॉकलेट ही क्यों न हो...! आपको कुछ भी चाहिए तो हमसे कहे। हो सकता हैं कि हम लोग तुरंत आपको चॉकलेट न दे पाएं लेकिन हम थोडी देर बाद आपको चॉकलेट जरुर ला देंगे। दूसरी बात ज्यादा चॉकलेट खाने से दांत ख़राब होते हैं इसलिए हम आपको ज्यादा चॉकलेट नहीं देते। लेकिन यदि कोई व्यक्ति आपको चॉकलेट दे और उसके बदले आपको बैड टच करे तो इससे आपका बहुत ज्यादा नुकसान होगा।
• किसी भी व्यक्ति के साथ अकेले सुनसान जगह पर न जाएं, चाहे वह व्यक्ति कितना ही करीबी व्यक्ति क्यों न हो।
• यदि कोई बैड टच करें तो क्या करे?
• यदि कोई व्यक्ति आपको बैड टच करे और कहे कि यह सिक्रेट बात हैं। यह बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच की हैं। यह बात अपने मम्मी-पापा को मत बताना तो वहां से भाग कर सीधे हमारे पास आकर हमें यह बात बताएं। क्योंकि ऐसी कोई भी बात नहीं होती हैं, जो आप हमें नहीं बता सकते।
• अपने बच्चे को बताएं कि अगर कोई व्यक्ति उनसे अपने प्राइवेट पार्ट को दिखाकर उसको छूने के लिए बोले या अपने मोबाइल में ऐसी फोटोज़ दिखाए, तो वो भी गलत है। अगर कोई ऐसा करता है, तो तुरन्त उसके बारे में हमें बताएं।
• अपने बच्चे को बताएं कि अगर कोई व्यक्ति उनसे अपने प्राइवेट पार्ट को दिखाकर उसको छूने के लिए बोले या अपने मोबाइल में ऐसी फोटोज़ दिखाए, तो वो भी गलत है। अगर कोई ऐसा करता है, तो तुरन्त उसके बारे में हमें बताएं।
• यदि स्कूल में कोई शिक्षक आपको बैड टच करें तो मैडम को और हमें दोनों को बताएं।
• यदि स्कूल बस कंडक्टर बैड टच करें तो जोर से कहे नहीं..., मुझे मत छुइए! ये गलत हैं। एक बार ऐसा कहने पर वो मान जाएं तो ठीक हैं, नहीं तो हमें बताएं।
• यदि घर के आंगन में खेलते-खेलते आपकी बॉल किसी के आंगन में चली गई हैं और वहां के अंकल या भैया आपको कुछ दिखाने या देने अंदर अकेले आने बोले तो मम्मी बुला रही हैं... कह कर भाग आएं।
• यदि आप किसी दुकानदार से कुछ ख़रीद रहे हैं तब पैसे देते वक्त या वस्तु लेते वक्त वो आपके हाथ को बैड टच करें तो जोर से कहे नहीं…मुझे मत छुइए...ये गलत हैं।
• यदि पापा या भैया के दोस्त या अन्य कोई भी व्यक्ति आपको बैड टच करे तो भी इसी तरह नहीं कहे।
उपरोक्त बातों से कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे कि हम अपने बच्चों को ये सब बाते बताकर उनका बचपन एवं उनकी मासुमियत छिन लेंगे! हां, थोड़ा-बहुत ऐसा हो सकता हैं। लेकिन समाज में बढ़ती हैवानियत से अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हमें ये सब करना होगा!! वैसे भी, क्या आप चाहेंगे कि आपका बच्चा उन दस बच्चों में से एक बच्चा हो जिसका यौन शोषण होता हैं? नहीं न! तो बच्चे को बाकि बातों के साथ-साथ जीवन की इस कडवी सच्चाई से रुबरू करवाना भी जरुरी हैं!!!
It is very important to educate the children on these aspects of good and bad touch. Thank you for sharing Jyotiji.
जवाब देंहटाएंSuch teachings are really very important, you have shown some nice and logical ways to create the awareness and to educate the children,very nice post Ma'am.
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक और सारगर्भित लेख ज्योति दी हमेशा की तरह...एक गंभीर विषय पर आसानी से संदेश देती हुई।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका दी।
Thank you for sharing this. I have small children in my home and I know how important this topic is.
जवाब देंहटाएंसार्थक आलेख ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने इस पोस्ट के ज़रिए ... कई महत्वपूर्ण बातें जो ज़रूरी हीं हर माँ बाप को समझने के लिए ।..
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन न्यायालय के विरोध की राजनीति : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा विषय उठाया है आपने। हर बच्चे में ये समझ विकसित करनी चाहिए।
हटाएंसाधुवाद अच्छे लेकिन के लिए।
धन्यवाद, सेंगर जी।
हटाएंबहुत ही गंभीर विषय सरल भाषा में आपने इस जानकारी को साझा किया अवश्य ही हर माता-पिता को इसकी जानकारी अपने बच्चों को देनी चाहिए , जिससे मासूम बच्चे शोषण के शिकार न हो सके |
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति। जरूरी है कि बच्चों को जानकारी दी जाए।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को ब्लॉग के किसी एडमिन ने हटा दिया है.
जवाब देंहटाएंगुड टच और बैड टच के बारे में बच्चों को बताना आजकल बहुत जरूरी है आपने इस लेख के माध्यम से बहुत ही अच्छी जानकारी दी है साथ ही बच्चों को कैसे और क्या कहकर समझाएं भी शेयर किया बहुत ही उम्दा महत्वपूर्ण लेख.....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद...
यह जानकारी बच्चों के माता पिता को अवश्य पढ़नी चाहिए और बच्चों को इसी तरह समझाना भी चाहिए।
जवाब देंहटाएंआजकल के दूषित वातावरण में गुड टच बैड टच समझाना बेहद जरूरी है।
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 11अप्रैल 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, पम्मी जी।
हटाएंज्योति जी बिलकुल सही कहा आपने, हम अक्सर बच्चों को सही शिक्षा देने के लिए प्रयास करते हैं उन प्रयासों में सबसे पहले यह शिक्षा होनी चाहियें, कोई भी व्यक्ति अगर किसी भी बच्चें को ग़लत इदारे से छुता हैं तो उसे इस बात का ज्ञान होना चाहिए की यह ग़लत हैं, और उसे यह भी बताना होंगा की किसी भी बात से डर कर चुप न बैठें और अपने प्रेरेंट्स को बता दे. आज कल की खबरें सुनकर तो यह करना सबसे जरुरी हो गया हैं, आपने अपने इस लेख में इसके बारेमें बहुत ही बढ़िया जानकारी दी हैं, यह जानकारी हर किसी ने और खासकर हर पेरेंट्स से जरुर पढ़नी चाहिए, धन्यवाद्
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