'रेप प्रूफ पैंटी',1,#मीटू अभियान,1,#साड़ीट्विटर,1,10 मिनट रेसिपी,1,14 नवम्बर,1,15 अगस्त,4,1अक्टुबर,1,25 दिसम्बर,1,26 जनवरी,1,5 मिनट रेसिपी,1,5000 रुपए किलों का गुड़,1,6 नमकीन रेसिपी,1,6 मिठाई रेसिपी,1,8 मार्च,5,9 वी सालगिरह,1,अंंधविश्वास,1,अंकुरित अनाज,1,अंगदान,1,अंगुठी,1,अंगूर,2,अंगूर की जेली,1,अंगूर की लौंजी,1,अंगूर की सब्जी,1,अंग्रेजी,2,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,7,अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस,2,अंतिम संस्कार,1,अंधविश्वास,22,अंधश्रद्धा,20,अंधश्रध्दा,4,अंश,1,अग्निपरीक्षा,1,अग्रवाल,1,अग्रसेन जयंती,1,अग्रसेन जयंती की शुभकामनाएं,1,अचार,15,अच्छी आदतें,1,अच्छी पत्नी,1,अच्छी पत्नी चाहिए तो...,1,अच्छी ससुराल,1,अच्छे काम,1,अजब-गजब,3,अजय नागर,1,अतित,1,अदरक,1,अदरक का चूर्ण,1,अदरक-लहसुन पेस्ट,1,अधिकमास,1,अनमोल वचन,10,अनरसा,2,अनास्तासिया लेना,1,अनियन रिंग्स,1,अनुदान,1,अनुप जलोटा,1,अनोखा गिफ्ट,1,अनोखी शादी,1,अन्न,1,अन्य,39,अन्याय,1,अपमान,1,अपाहिज,1,अपेक्षा,1,अप्पे,4,अभिमान,1,अमरुद,1,अमरूद की खट्टी-मीठी चटनी,1,अमावस्या,1,अमावस्या को बाल धोना,1,अमीरी,1,अमेजन,1,अयोध्या,1,अरबी,1,अरुणा शानबाग,1,अरुनाचलम 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ढोकला,1,इंस्टेंट कलाकंद बर्फी,1,इंस्टेंट कुल्फी,1,इंस्टेंट नींबू का खट्टा मीठा अचार,1,इंस्टेंट नूडल्स,1,इंस्टेंट मिठाई,1,इडली,3,इन्डियन टाइम,1,इमली,2,इम्युनिटी बूस्टर रेसिपी,1,इरोम शर्मिला,1,इलायची,1,इलायची पाउडर,1,इलोजी,1,इसे कहते है हिम्मत,1,ईद,1,ईश्वर,7,ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना,1,ईसा मसीह,1,ईसाई,1,उटी,1,उपमा,3,उपवास,1,उपवास का हांडवो,1,उपवास की इडली,1,उपहार,3,उमा शर्मा,1,उम्र,1,उम्र का लिहाज,1,ऋषि पंचमी,1,ऋषि सुनक,1,एक सवाल,1,एल पी जी गैस,1,एल्युमिनियम फॉयल पेपर,1,एल्युमीनियम,1,एल्युमीनियम के बर्तन,1,ऐनी दिव्या,1,ऐश ट्रे,1,ऐस्टरॉइड,1,ऑनलाइन,1,ओट्स,1,ओट्स वेजिटेबल ढोकला,1,ओरियो स्वीट रोल,1,ओरैया,1,और इज्जत बच गई,1,औरंगाबाद हादसा,1,कंगन,1,कंघा,1,कंडेंस्ड मिल्क,1,कंसन्ट्रेट आम पना,1,कच्चा केला,1,कच्चे आम,2,कच्चे आम का चटपटा पापड़,1,कच्चे आम की चाटवाली चटनी,1,कछुआ,1,कटलेट्स,2,कढ़ी,1,कद्दु,1,कद्दु के गुलगुले,1,कद्दू,1,कद्दू का बेसन,1,कन्यादान,4,कन्यामान,1,कबीर सिंह मूवी,1,कम तेल की रेसिपी,2,कमाई,1,कमाने वाली बहू,1,करवा चौथ,2,करवा चौथ शायरी,1,करवा-चौथ,8,कर्नाटक स्कूल,1,कर्नाटक हिजाब विवाद,1,कल्पना सरोज,1,कल्याणी श्रीवास्तव,1,कहानी,43,कांजी,1,कांजी वड़ा,1,काजू,2,काजू करी,1,काजू नमकपारे,1,काजू लोटस,1,कानून,1,कामवाली बाई,4,कालीन,1,किचन टिप्स,30,किचन सिंक,1,किटी पार्टी,1,किन्नर,1,कियारा आडवानी,1,किराए पर बीवियां,1,किसान,1,किसान आंदोलन,1,कुंडली मिलान,1,कुंबाकोणाम,1,कुंभ मेला,1,कुप्रथा,1,कुरकुरी भिंडी,1,कुरकुरे,1,कुरकुरे भिंडी बाइट्स,1,कुरडई,1,कुल्फी,1,कुल्फी प्रीमिक्स,1,कूकर,2,कृषि विधेयक 2020,1,केईएम् अस्पताल,1,केचप,1,कैंडी,1,कैरी मिनाती,1,कॉर्न,4,कॉर्न इडली,1,कोंडागांव,1,कोको कोला,1,कोरोना,4,कोरोना टिप्स,1,कोरोना वरीयर्स,2,कोरोना वायरस,8,कोरोना वैक्सीन,1,कोल्ड ड्रिंक,2,कोविड-19,2,कोवीड-19,2,कौए,1,क्रिसमस डे,4,क्रिसमस डे की शुभकामनाएं,1,क्रिस्टियानो रोनाल्डो,1,क्रिस्पी डोसा बनाने के सिक्रेट्स,1,क्षमा,2,क्षमा बिंदु,1,खजूर,3,खजूर इमली चटनी,1,खड़े होकर पानी पीना,1,खत,7,खबर,3,खरबूजा,2,खरबूजे का शरबत,1,खरेदी,1,खांडवी,1,खाटू फाल्गुन मेला,1,खाटू श्याम जी,1,खाद्य पदार्थ,1,खाना,3,खारक,1,खारी गरम,1,खाली पेट चाय,1,खीर,1,खुले में शौच,1,खुशी,3,खोया,2,गट्टे,1,गणतंत्र दिवस,1,गणेश चतुर्थी,5,गणेश चतुर्थी पर शायरी,1,गणेश चतुर्थी प्रसाद रेसिपी,1,गणेश जी,2,गन्ने का रस,1,गरम मसाला,1,गर्दन दर्द,1,गर्भवती महिला,1,गर्भावस्था,1,गर्भाशय,1,गलत व्यवहार,1,गलती,2,गांधी जयंती,1,गाजर,5,गाजर अप्पे,1,गाजर के पैनकेक,1,गाजर मूली का अचार,1,गाजर-मूली के दही बडे,1,गाय,1,गाली,1,गिफ्ट,1,गुजरात,1,गुजराती डिश,2,गुजिया,1,गुड़,1,गुड टच और बैड टच,2,गुड मॉर्निंग संदेश,1,गुड़हल,1,गुनगुना पानी,1,गुरु पूर्णिमा,1,गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं,1,गुलगुले,1,गुलाब जामुन,2,गुलाम कौन?,1,गुस्सा,1,गूगल ट्रेंड्स,1,गृहस्वामिनी,1,गेहूं,1,गेहूं का आटा,1,गेहूं के आटे की मठरी,1,गैस बर्नर,2,गोभी और चना दाल के बडे,1,गोरखपुर,1,गोरा रंग,1,गोल्डन ग्रेवी प्रीमिक्स,1,गौरी पराशर,1,ग्रीन टी,1,घंटी,1,घरेलू नुस्खे,1,घिया,1,घी,3,घी की नदी,1,घी खाने के फायदे,1,घोड़ी गीत,1,चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति,1,चकली,2,चटनी,15,चना दाल,1,चना दाल नमकिन,1,चमत्कार,1,चाँद पर जमीन,1,चाय,2,चाय मसाला,1,चावल,4,चावल के आटे की कुरडई,1,चावल के पापड़,1,चावल के फ्रायम,1,चाशनी,1,चाशनी वाली मावा गुजिया,1,चिवड़ा,1,चींटी,1,चींटीया,1,चीज,2,चीनी,1,चीनी देवता,1,चीला,5,चीले,2,चुडियां,1,चुर्ण,1,चूर्ण,6,छाछ,1,छींक,1,छोटी बाते,1,छोटे लेकिन काम के टिप्स,5,जज्बा,2,जनसंख्या,1,जन्मदिन,4,जन्मदिन की शुभकामनाएं,2,जन्मदिन पर धन्यवाद सन्देश,1,जन्माष्टमी,3,जन्माष्टमी रेसिपी,1,जमाना,1,जलेबी,1,जाट आंदोलन,1,जात-पात,1,जाति,3,जादुई दिया,1,जाम,1,जास्वंद,1,जिंदगी,2,जिम्नास्टिक,1,जींस,1,जीएसटी,1,जीरो ऑइल रेसिपी,5,जेएनयू,1,जेली,1,जैनी शैली,1,जैम,1,जोमैटो,1,जोयिता मंडल,1,जोरु का गुलाम,1,ज्योतिष विद्या,2,ज्वार की रोटी,1,ज्वेलरी,1,झाड़ू,1,झाड़ू का भूसा,1,झारखंड,1,झाले-वारणे,2,झूठ,1,टमाटर,1,टमाटर केचप,1,टमाटर प्यूरी,1,टमाटर सूप,1,टाइल्स,1,टाइल्स पर के सिलेंडर के दाग,1,टिप्स कॉर्नर,89,टी.व्ही. और सिनेमा,1,टेबल टेनिस,1,टॉयलेट सीट,1,टोक्यो ओलंपिक,2,टोक्यो पैरालंपिक,1,टोमैटो केचप,1,ठंडा पानी,1,ठंडे पेय,6,ठेचा,1,डर,2,डैंड्रफ,1,डॉक्टर,2,डॉटर्स डे,3,डॉटर्स डे विशेस,1,डॉटर्स डे शायरी,1,डोनाल्ड ट्रम्प,1,डोसा,2,ड्राई फ्रूट,2,ड्राई फ्रूट मोदक,1,ड्राई फ्रूट्स लड्डू,1,ड्रेगन,1,ढाबा स्टाइल सब्जी,2,ढाबे वाली दम अरबी,1,ढेबरा,1,ढोकला,2,ढोकले,1,तगार,1,तरबूज,4,तरबूज के छिलके का 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कैसे उतारु,1,नदी में पैसे,1,नन्ही परी,1,नमक,1,नमक पारे,1,नमकपारे,1,नमकीन,2,नया साल,1,नरेद्र मोदी स्टेडियम,1,नवरात्र,2,नवरात्र स्पेशल,2,नवरात्रि,3,नवरात्रि की शुभकामनाएं,1,नवरात्रि रेसिपी,2,नवरात्रि शायरी फोटो,1,नवरात्री रेसिपी,11,नववर्ष,2,नववर्ष की शुभकामनाएं,2,नाइंसाफी,1,नाग पंचमी,1,नागरिकता संशोधन कानून,1,नानी,2,नाम,1,नारियल,3,नारियल की जटा,1,नारियल छिलने का तरीका,1,नारियल फोड़ना,1,नारियल बर्फ़ी,1,नारी,70,नारी अत्याचार,20,नारी शिक्षा,1,नाश्ता,1,निक वुजीकीक,1,निचली जाती,1,निमकी,1,निर्णयक्षमता,1,निर्भया,2,निवाला,1,नींबू,5,नींबू का अचार,2,नींबू का रस,1,नींबू का शरबत,1,नींबू के छिलके,1,नींबू को कैसे स्टोर करें?,1,नीडल थ्रेडर,1,नेत्रदान,1,नेपाल त्रासदी,1,नेल आर्ट,1,नेहा सांगवान,1,नॉन स्टिक तवा,1,न्याकिम गैटवेच,1,न्यू इयर रेसोल्युशन,1,न्यूजीलैंड,1,पकोडे,4,पकोड़े,3,पक्षी,1,पढ़ा-लिख़ा कौन?,1,पढ़ाई,1,पति,1,पति का अहं,1,पति की मौत,1,पति-पत्नी,1,पति-पत्नी संबंध,1,पत्ता गोभी,3,पत्ता गोभी की मुठिया,1,पत्नी,1,पत्र,2,पद्मपाणी स्कूल,1,पनीर,4,पनीर बटर मसाला,1,पनीर मोदक,1,पपीता,1,परंपरा,4,परफ्यूम,1,परवरिश,13,पराठा,2,पराठे,2,परिक्रमा,1,परीक्षा,2,परेशानी,1,पर्स,1,पल्ली उत्सव,1,पवित्र,1,पवित्रता,3,पसंदीदा शिक्षक को पत्र,1,पांच मिनट रेसिपी,1,पान,1,पान का शरबत,1,पान गुलकंद मोदक,1,पान शेक,1,पानी,2,पानी कैसे पीना चाहिए,1,पापड़,10,पायलट मोनिका खन्ना,1,पालक,6,पालक के डिजायनर चीले,1,पालक के नमक पारे,1,पालक चीला,1,पालक बडी,2,पाश्चात्य संस्कृति,1,पिता,2,पीरियड,1,पीरियड पॉलिसी,1,पीरियड्स,4,पीरियड्स डिले टेबलेट्स,1,पीवी सिंधु,1,पुण्य,2,पुरानी मान्यताएं,1,पुरुषोत्तम मास,1,पुलवामा हमला,1,पुष्कर,1,पूडी,2,पूतना,1,पूरी,1,पूरी या पराठे,2,पूर्वाग्रह,1,
अरे...वो सब तो ठीक है। लेकिन जात-पात भी कोई मायने रखती है कि नहीं? हम तो चाहे कुछ भी हो जाएं...गंदे बर्तन और कपड़ों का ढ़ेर पड़ा रहे तो रहे...घर गंदा रहे तो रहे...लेकिन हम भुल कर भी निचली जाती वाली को काम पर नहीं रखते!” गलत सोच है ये और विडम्बना ये है कि आज के ज़माने में भी !!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ज्योंति जी । आपका एक और बेहतरीन लेख पढकर बहुत अच्छा लगा । आज कल लोग अपने आप को बनते तो बहुत एडवांस है लेकिन मानसिकता उनकी अभी भी पिछडी हुई है । हाल ही में मेरे पडोस मे रहने वाली आन्टी से भी मैने आया को लेकर ऐसे ही तुच्छ सोच वाली बात करते हुए सुना जबकि आन्टी महिला कॉलेज में पढाती है । उनकी बाते सुनकर मुझें बहुत बुरा लगा । उम्मीद है आप का यह लेख पढकर लोग अपनी सोच बदले ।
जवाब देंहटाएंबबिता, इसी उम्मीद में तो यह लेख लिखा है।
हटाएंबहुत ही सुन्दर ढंग से समझाया आपने की जात-पात ही सब कुछ नही वास्तव में हैम सब एक दूसरे के पूरक हैं ।
जवाब देंहटाएंमेरे साथ भी ऐसा अनुभव हुआ है। आप कितना भी समझा लें वो बात समझने को राजी नहीं होते हैं। बस उम्मीद है कि आने वाली पीढ़ी इस जात-पात के सामजिक कोढ़ से मुक्ति पा लेगी।
जवाब देंहटाएंविकास जी, इसके लिए हमे ही प्रयत्न करने होंगे। क्योंकि होता यही है कि जब खुद के घर की बात आती है तो अच्छे अच्छे पढ़े लिखे भी दकियानूसी सोच दिखाने लगते है।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल, सही कहा आपने।
हटाएंजिसके दिमाग में जात-पात, ऊँच-नीच का कीड़ा होता है वह जब-तब उसे काटता रहता है
जवाब देंहटाएंThese caste system has done and still doing much harm to our society!
जवाब देंहटाएंमाँ ने छह साल के बच्चे को पीटते हुए कहा,''नालायक! तू ने भंगी के घर की रोटी खाई, तू भी भंगी हो जाएगा। तू ने तो धर्म भ्रष्ट कर लिया।'' बच्चे ने मासुमियत से कहा,''माँ! मैने तो सिर्फ़ एक बार ही उनके घर की रोटी खाई और मैं ख़राब हो गया। लेकिन वे लोग तो हमारे घर की बची हुई रोटी बरसों से खा रहे हैं...मां, वो लोग ब्राम्हण क्यों नहीं हुए??''
जवाब देंहटाएंइसी बात पर तालियाँ.....
आप की उत्तम सोच ही अवश्य समाज में बदलाव ला सकती है...
जवाब देंहटाएंदिनांक 13/04/2017 को...
आप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंदhttps://www.halchalwith5links.blogspot.com पर...
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
आप की प्रतीक्षा रहेगी...
धन्यवाद, कुलदीप जी।
हटाएंबहुत अच्छी बात शेयर की है आपने.....
जवाब देंहटाएंपरन्तु अब नीची जाति वालों के लिए आरक्षण होने की वजह से मुझे लगता है इन्हे छोटे मोटे काम की जरुरत ही नहीं रहेगी अब तो ये ही ऊँची जाति वालों को काम पर रखेंगे और मामला एकदम उलट जायेगा...
जाति-पाति की इसी सोच के कारण योग्यता छोड़ आरक्षण अपनाया जा रहा है...
जो देश के विकास में अवरोधक है....
सुधा, सही कहा तुमने कि जाति-पाति की इसी सोच के कारण योग्यता छोड़ आरक्षण अपनाया जा रहा है...! लेकिन वास्तव में हो यह रहा है आरक्षण के कारण जब निचली जाती के लोग बडे-बडे पदों पर बैठते है तो उंची जाती के लोग उनकी जी हुजरी करने तैयार हो जाते है। लेकिन जब घरों में निचली जाती की कामवाली बाई रखना हो तो इन्हें मंजूर नहीं होता।
हटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "नयी बहु - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, ब्लॉग बुलेटिन।
हटाएंवाह !!ज्योति जी ,बहुत अच्छा विषय और लेख। इन सामाजिक बुराइयों की जडें बहुत गहरी हैं ,तथाकथित पढे लिखे लोग भी इन्ही विचारों से ग्रसित हैं। बदलाव तो लाना ही होगा ।
जवाब देंहटाएंज्योति जी बहुत शानदार लेख, अभी भी हमारा समाज जाति-धर्म के चक्कर में फसा हुआ है...आपके पोस्ट पढ़ने से उनकी आखें जरूर खुलेगा, ऐसी उम्मीद है...
जवाब देंहटाएंआपकी सबसे ज्यादा अच्छी बाते इसमें कही है...
माँ ने छह साल के बच्चे को पीटते हुए कहा,''नालायक! तू ने भंगी के घर की रोटी खाई, तू भी भंगी हो जाएगा। तू ने तो धर्म भ्रष्ट कर लिया।'' बच्चे ने मासुमियत से कहा,''माँ! मैने तो सिर्फ़ एक बार ही उनके घर की रोटी खाई और मैं ख़राब हो गया। लेकिन वे लोग तो हमारे घर की बची हुई रोटी बरसों से खा रहे हैं...मां, वो लोग ब्राम्हण क्यों नहीं हुए??''
वाह क्या तारिफ करूँ आपकी...बेहतरीन...
हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद, जेपी जी।
हटाएंसमय के साथ बहुत कुछ बदला हैं । लेकिन अभी भी बदलाब की आवश्कता हैं। शायद बदलते - बदलते एक दिन हम सब जात - पात भुला कर एक साथ खाना खा रहें हो।
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा हो तरुण जी।
हटाएंआदरणीय ,आपने समाज में जाति-पाती का झूठा मुखौटा पहनने वालों पर अच्छा कटाक्ष किया है ,इसके लिए आपको हृदय से धन्यवाद देता हूँ एवं मेरे लेख "जाति-धर्म का ध्वज" के लिये आपको आमंत्रित करता हूँ। आभार
जवाब देंहटाएंबड़ाई का आधार जात पात, नस्ल या धन दौलत नही बल्कि इन्सान की अच्छाई, नेकनीयती और परहेज़गारी होती हे। बेशक बेहतरीन लेख।
जवाब देंहटाएंवस्तुत : हम सब एक ही जाति से हैं "इंसान " इंसानियत के खिलाफ हर व्यवस्था पर पुनर्विचार होना चाहिए | एक सुलझे हुए लेख द्वारा आपने समाज को दिशा दी है ... बधाई
जवाब देंहटाएंये और कुछ नहीं बस हमारी घटिया मानसिकता है जिससे चलते हमारी सोच को कुंठा ग्रस्त कर रही है ... हम सब एक ही इंसान हैं ... एक ही ख़ून है सबका ... बुराई करने वाला
जवाब देंहटाएंइंसान बुरा है ...
गलत है लोगों की ये सोच, आज के प्रतिस्पर्धा के जमाने में काहे की जात पाँत...जो भी अच्छा काम करेगा उसे काम देने वालों की कमी नहीं। हम नहीं तो कोई और रखेगा उसे काम पर लेकिन तब हम क्या कहलाएँगे ये भी सोचना होगा.प्रेरक आलेख !
जवाब देंहटाएंइंसानियत की कोई जात पात नहीं होती, आप का यह पोस्ट पढकर लोगों को अपनी सोच में बदलाव ज़रूर लाना चाहिए
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंलोगों की मसिकता न जाने कब बदलेगी...अपने एक बहुत अच्छा प्रयास किया समाज कि सच्चाई को सामने लाने की.... एक तरफ तो किसी न किसी ढंग से हम सबके हाथ लगा हुआ अनाज खा रहे हैं, घर में प्रयोग किया जाने वाला कोई भी सामान न आने कितने हाथों से होकर गुजरता होगा... इस प्रकार तो नीची जाती के लोगों से दूर रहें वाले लोगों को जंगल में अकेले रहना चाहिए... बहुत अच्छा जवाब दिया है आपने खोखले रिवाजों को मन ने वाले समाज को.... बहुत बढ़िया लेख....
जवाब देंहटाएंनिचली जाती Apni Khud Ki जाती निचली Hai
जवाब देंहटाएंआपका लेख बहुतों की आँखें खोल देगा।
जवाब देंहटाएंमाँ एक ऐसी इंसान होती है जो अपने बच्चे के सारे दर्द को खुद के अंदर समा लेती है। Maa Ka pyar Status Thank You Sir.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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