'रेप प्रूफ पैंटी',1,#मीटू अभियान,1,#साड़ीट्विटर,1,14 नवम्बर,1,15 अगस्त,3,25 दिसम्बर,1,26 जनवरी,1,5000 रुपए किलों का गुड़,1,8 मार्च,2,अंंधविश्वास,1,अंकुरित अनाज,1,अंगदान,1,अंगुठी,1,अंगूर,1,अंगूर की लौंजी,1,अंगूर की सब्जी,1,अंग्रेजी,2,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,4,अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस,1,अंतिम संस्कार,1,अंधविश्वास,21,अंधश्रद्धा,18,अंधश्रध्दा,3,अंश,1,अग्निपरीक्षा,1,अग्रवाल,1,अग्रसेन जयंती,1,अग्रसेन जयंती की शुभकामनाएं,1,अचार,13,अच्छी पत्नी,1,अच्छी पत्नी चाहिए तो...,1,अच्छे काम,1,अजब-गजब,3,अजय नागर,1,अतित,1,अदरक,1,अदरक का चूर्ण,1,अदरक-लहसुन पेस्ट,1,अनमोल वचन,10,अनरसा,1,अनुदान,1,अनुप जलोटा,1,अनोखी शादी,1,अन्न,1,अन्य,32,अन्याय,1,अपमान,1,अपेक्षा,1,अप्पे,4,अमरुद,1,अमरूद की खट्टी-मीठी चटनी,1,अमीरी,1,अमेजन,1,अरबी,1,अरुणा शानबाग,1,अरुनाचलम मुरुगनांथम,1,अलगाव,1,अवधेश,1,अवार्ड,2,अशोक चक्रधारी,1,असली हीरो,22,अस्पताल,1,अस्पतालों में बच्चों की मौत,1,आंवला,8,आंवला कैंडी,1,आंवला चटनी,1,आंवला मुरब्बा,1,आंवला लौंजी,1,आंवले का अचार,1,आंवले का शरबत,1,आंवले की गटागट,1,आइसक्रीम,1,आईसीयू ग्रेंडपा,1,आग,1,आज 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सरोज,1,कल्याणी श्रीवास्तव,1,कहानी,34,कांजी,1,काजू,1,काजू करी,1,कानून,1,कामवाली बाई,4,कालीन,1,किचन टिप्स,16,किटी पार्टी,1,किन्नर,1,कियारा आडवानी,1,किराए पर बीवियां,1,किसान,1,किसान आंदोलन,1,कुंडली मिलान,1,कुरकुरे,1,कुल्फी,1,कुल्फी प्रीमिक्स,1,कूकर,1,कृषि विधेयक 2020,1,केईएम् अस्पताल,1,कैंडी,1,कैरी मिनाती,1,कॉर्न,4,कॉर्न इडली,1,कोंडागांव,1,कोरोना,3,कोरोना टिप्स,1,कोरोना वरीयर्स,2,कोरोना वायरस,8,कोरोना वैक्सीन,1,कोविड-19,1,कोवीड-19,2,कौए,1,क्रिसमस डे,2,क्रिसमस डे की शुभकामनाएं,1,क्रिस्पी डोसा बनाने के सिक्रेट्स,1,क्षमा,2,खजूर,1,खत,6,खबर,3,खरबूजा,2,खरबूजे का शरबत,1,खरेदी,1,खांडवी,1,खाद्य पदार्थ,1,खाना,1,खारक,1,खारी गरम,1,खुले में शौच,1,खुशी,2,खेल,1,खोया,1,गणतंत्र दिवस,1,गणेश चतुर्थी,3,गणेश चतुर्थी पर शायरी,1,गणेश चतुर्थी प्रसाद रेसिपी,1,गणेश जी,1,गरम मसाला,1,गर्दन दर्द,1,गर्भावस्था,1,गर्भाशय,1,गलत व्यवहार,1,गलती,2,गांधी जयंती,1,गाजर,6,गाजर अप्पे,1,गाजर के पैनकेक,1,गाजर के लड्डू,1,गाजर मूली का अचार,1,गाजर-मूली के दही बडे,1,गाय,1,गार्डनिंग,1,गुजरात,1,गुजराती डिश,1,गुजिया,1,गुड़,1,गुड टच और बैड टच,2,गुरु पूर्णिमा,1,गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं,1,गुलगुले,1,गुस्सा,1,गृहस्वामिनी,1,गेहूं का आटा,1,गेहूं के आटे की मठरी,1,गैस बर्नर,2,गोभी और चना दाल के बडे,1,गोरखपुर,1,गोरा रंग,1,गोल्फ,1,गौरी पराशर,1,ग्रीन टी,1,घंटी,1,घिया,1,घी,1,घी की नदी,1,चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति,1,चकली,1,चटनी,8,चाँद पर जमीन,1,चाय,1,चाय मसाला,1,चावल,3,चावल के पापड़,1,चाशनी,1,चाशनी वाली मावा गुजिया,1,चींटी,1,चींटीया,1,चीज,1,चीनी देवता,1,चीला,3,चुर्ण,1,चूर्ण,6,छाछ,1,छींक,1,छोटी बाते,1,छोटे लेकिन काम के टिप्स,5,जज्बा,2,जनसंख्या,1,जन्मदिन,3,जन्मदिन की शुभकामनाएं,2,जन्माष्टमी,3,जन्माष्टमी रेसिपी,1,जमाना,1,जलेबी,1,जाट आंदोलन,1,जात-पात,1,जाति,2,जादुई दिया,1,जाम,1,जिंदगी,2,जींस,1,जीएसटी,1,जीरो ऑइल रेसिपी,5,जोक्स,5,जोमैटो,1,जोयिता मंडल,1,जोरु का गुलाम,1,ज्वार की रोटी,1,ज्वेलरी,1,झारखंड,1,झाले-वारणे,2,झूठ,1,टमाटर,1,टमाटर प्यूरी,1,टमाटर सूप,1,टिप्स कॉर्नर,49,टी.व्ही. और सिनेमा,1,ठंडा पानी,1,ठंडे पेय,6,ठेचा,1,डर,2,डैंड्रफ,1,डॉक्टर,2,डॉटर्स डे,2,डोनाल्ड ट्रम्प,1,डोसा,2,ड्राई फ्रूट,2,ड्राई फ्रूट मोदक,1,ड्राई फ्रूट्स लड्डू,1,ड्रेगन,1,ढाबा स्टाइल सब्जी,2,ढाबे वाली दम अरबी,1,ढोकला,1,ढोकले,1,तरबूज,2,तरबूज के छिलके का हलवा,1,तलाक,1,ताजे नारियल की बर्फी,1,तिल,4,तिल की कुरकुरी चिक्की,1,तिल के लड्डू,2,तिल गुड़ की रेवड़ी,1,तुलसी,1,तेल,1,तेलंगाना,1,तोहफ़ा,1,त्यौहार,1,थ्री इडियट्स,1,दक्षिणा,1,दर्द का रिश्ता,1,दवा,1,दशहरा,1,दशहरा की शुभकामनाएं,1,दशहरा शायरी फोटो,1,दही,6,दही और लहसुन की चटनी,1,दही वाली लौकी की सब्जी,1,दही सैंडविच,1,दहेज,3,दाग-धब्बे,1,दान,1,दासी,1,दिपावली,1,दिपावली बधाई संदेश,3,दिवाली,2,दिवाली मिठाई,1,दिशा,1,दीपावली शुभकामना संदेश,1,दीवाली रेसिपी,1,दुःख,1,दुध पावडर,1,दुबई,1,दुबई यात्रा,1,दुर्गा माता,1,दुल्हा,1,दुश्मन,1,दूध,4,देशभक्ति,3,देशभक्ति शायरी,2,देहदान,1,दोस्त,2,दोस्ती,1,धनिया,1,धर्म,3,धर्मग्रंध,1,धार्मिक,44,नई जनरेशन,2,नक्सली,1,नजर,1,नजर कैसे उतारु,1,नदी में पैसे,1,नन्ही परी,1,नमक पारे,1,नमकीन,1,नया साल,1,नवरात्र,2,नवरात्र स्पेशल,2,नवरात्रि,3,नवरात्रि की शुभकामनाएं,1,नवरात्रि शायरी फोटो,1,नवरात्री रेसिपी,9,नववर्ष,2,नववर्ष की शुभकामनाएं,2,नाइंसाफी,1,नाग पंचमी,1,नागरिकता संशोधन 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चटनी,1,प्याज के क्रिस्पी पकोड़े,1,प्यार,2,प्यासा कौआ,1,प्रत्यूषा,1,प्रद्युम्न,1,प्रवासी मजदूर,2,प्रसन्न,1,प्राणियों से सीख,1,प्रियंका रेड्डी,1,प्री वेडिंग फोटोशूट,1,प्रीमिक्स,3,प्लास्टिक बाल्टी कैसे साफ़ करे,1,फर्रुखाबाद,1,फल,2,फल और सब्जी खरीदने से पहले,1,फलाहार,1,फलाहारी दही वडे,1,फल्लिदाने,1,फादर्स डे,3,फूल,1,फूल गोभी के परांठे,1,फ़ेंगशुई,1,फेसबुक,2,फैशन,1,फ्रिज,1,फ्रिज में सब्जी,1,फ्रेंडशीप डे,1,फ्रेंडशीप डे शायरी,1,बंटवारे की अनोखी शर्त,1,बकरीद,1,बची हुई सामग्री का उपयोग,1,बच्चे,9,बच्चे की ज़िद,1,बच्चें,1,बछबारस,1,बटर,1,बड़ा कौन?,1,बढ़ती उम्र,2,बदला,1,बदलाव,1,बधाई संदेश,4,बरबादी,1,बर्फी,2,बलात्कार,10,बहन की रक्षा,1,बहू,4,बहू जैसा प्यार,1,बाजरा,1,बाल दिवस,1,बाल शोषण,2,बाहर का खाना,1,बिना गैस रेसिपी,3,बिना प्याज लहसुन की रेसिपी,7,बिमारियों की असली वजह,1,बिल्ली के गले में घंटी,1,बिस्किट,1,बिस्कुट,1,बुढ़ापा,1,बुर्ज अल-अरब,1,बुर्ज खलीफा,1,बुलंदशहर गैंगरेप,1,बेटा,2,बेटा पढाओ,1,बेटी,7,बेटी बचाओ अभियान,2,बेटे का फ़र्ज,1,बेबी फार्मिंग,1,बेमेल आहार,1,बेसन,2,बेसन के लड्डू,1,बैंगन,1,बोझ,1,बोर होना,1,ब्रेकअप,1,ब्रेकिंग न्यूज,1,ब्रेड,5,ब्रेड की रसमलाई,2,ब्रेड पकोडा,1,ब्रेड पिस्ता पेढे,1,ब्रेड मलाई रोल,1,ब्लॉगअद्दा एक्टिविटी,1,ब्लॉगर ऑफ द इयर 2019,1,ब्लॉगर्स रिकोग्निशन अवार्ड,1,ब्लॉगिंग,7,ब्ल्यू व्हेल गेम,1,भक्ति,1,भगर,5,भगर की इडली,1,भगर के उत्तपम,1,भगर के कटलेट,1,भगवान,4,भजिए,2,भरता,1,भरवां मिर्च,1,भरवां शिमला मिर्च,1,भरवां हरी मिर्च का अचार,1,भाई दूज शायरी,1,भाकरवड़ी,1,भागीरथी अम्मा,1,भाभी,1,भारत,1,भारतीय नारी,1,भारतीय मसाले,1,भिखारी,1,भुट्टे के पकोड़े,1,भूकंप,1,भोजन,1,भ्रुण हत्या,1,मंदसौर गैंग रेप,1,मंदिर,3,मंदिरों में ड्रेस कोड़,1,मंदिरों में दक्षिणा,1,मकई,4,मकई उपमा,1,मकई चीला,1,मकई पकोडे,1,मकर संंक्रांति,1,मकर संक्रांति,4,मकर संक्रांति की शुभकामनाएं,1,मकर संक्राति,1,मखाना,1,मखाने के लड्डू,1,मजेदार पहेलियाँ,1,मटके पर औंधा लोटा,1,मटर,4,मटर के अप्पे,1,मटर के पकोड़े,1,मठरी,4,मठ्ठा,1,मथुरा के पेड़े,1,मदर्स डे,4,मदर्स डे का गिफ्ट,1,मम्मी,1,मलाई,2,मलाई फ्रूट सलाद,1,मल्ला तामो,1,मसाला छाछ,1,मसाला मठरी,1,मस्जिद,1,महात्मा गांधी जी,2,महानता,1,महाराजा अग्रसेन जी,1,महाराष्ट्र में आरक्षण,1,महिला आजादी,1,महिला आरक्षण,1,महिला दिवस,1,महिला सशक्तिकरण,4,महिला सुरक्षा,1,महिलाओं का पहनावा,1,माँ,3,माउथ फ्रेशनर,1,माता यशोदा,1,माता लक्ष्मी,1,मातृभाषा,1,मायका,2,मारवाड़ी,1,मार्केट जैसे साबूदाना पापड़,1,मार्केटिंग स्ट्रेटेजी,1,माला,1,मावा,1,मावा कुल्फी,1,मासिक धर्म,3,माहवारी,6,मिठाई,34,मित्र,2,मिलावट,1,मिलावट पहचानने के घरेलू तरीके,1,मिल्क पाउडर,1,मिस इंडिया 2019,1,मीठे चावल,1,मीठे जर्दा चावल,1,मुक्ति,1,मुखवास,1,मुबारकपुर कला,1,मुरब्बा,1,मुरमुरा,1,मुरमुरा लड्डू,1,मुलेठी,1,मुस्लिम,1,मुस्लिम मंच,1,मुहूर्त,1,मूंग की सूखी दाल का हलवा,1,मूंग दाल,1,मूंग दाल डोसा,1,मूंगफली,1,मूंगफली की सूखी चटनी,1,मूली,4,मूली का अचार,1,मूली के पत्तों के कुरकुरे कटलेट्स,1,मेंढक,1,मेंस्ट्रुअल कप,1,मेंहदी,8,मेडिसिन बाबा,1,मेथी,1,मेथी दाना चुर्ण,1,मेथी मटर मलाई,1,मेनु,1,मेरा मंत्र,3,मेरा सपना,1,मेरी बात,15,मैंगो फ्रूटी,1,मैंगो श्रीखंड,1,मैनर्स,1,मोदक,3,याकूब मोहम्मद,1,यू ए ई,1,रंग,1,रंग पंचमी,1,रक्तदान,1,रक्तदान के फायदे,1,रक्षा बंधन,2,रक्षाबंधन,2,रक्षाबंधन शायरी,1,रजस्वला नारी,5,रवा इडली,1,रसे वाली अरबी,1,रसोई,153,रांगोली,3,राखी,4,राखी स्पेशल मिठाई,1,राज की बात,1,राजभाषा,1,राजस्थानी समाज,2,राजस्व,1,राम,1,राम नाम सत्य है,1,राम रहीम,1,रामनवमी,1,रामनवमी की शुभकामनाएं,1,राशी-भविष्य,1,राष्ट्रगान,1,राष्ट्रगीत,1,राष्ट्रभाषा,1,रिती-रिवाज,1,रिफाइंड ऑयल,1,रिफाइंड ऑयल के नुकसान,1,रिफाइंड तेल,1,रीतिरिवाज,1,रुपया-पैसा,1,रेणुका मिश्रा,1,रेन वाटर हार्वेस्टिंग,1,रेवड़ी,1,रेसोल्युशन,1,रेस्टोरेंट स्टाइल सब्जी,1,रैंचो,1,रोटी,4,रोस्टेड मूंगफली,1,लकड़ी की राख,1,लघुकथा,15,लच्छेदार मठरी,1,लड्डू,7,लहसुन,1,लाइटर,1,लाइफ स्किल्स,1,लाफिंग बुद्धा,1,लाल मिर्च,1,लाल मिर्च का अचार,1,लाल मिर्च की सूखी चटनी,1,लिव इन,1,लिव इन रिलेशनशिप,1,लीव इन रिलेशनशिप,1,लेसुए,1,लैंगिक समानता,1,लॉकडाउन,3,लॉटरी,1,लोकल ट्रेन,1,लोकसभा चुनाव,1,लोग क्या कहेंगे?,1,लौंजी,1,लौकी,4,लौकी का भरता,1,लौकी का हलवा,1,लौकी की बड़ी,1,लौकी की सब्जी,1,वक्त,1,वटसावित्री व्रत,1,वर,1,वर्जिनिटी टेस्ट,1,वर्तमान,1,वर्षा जल संग्रहण,1,वर्षा जल संचयन,1,वाटर प्यूरीफायर,1,वायरल फोटो,1,वारी के हनुमान,1,विदर्भ स्पेशल रेसिपी,1,विधवा,1,विधवा ने किया कन्यादान,1,विधवा विवाह,1,विरुद्ध आहार,1,विशाखापट्टनम रेप कांड,1,वृंदावन,1,वृद्धावस्था,1,वेजिटेबल डोसा,1,वेजिटेबल पैनकेक,1,वैलेंटाइन गिफ़्ट,1,वैलेंटाइन डे,4,वैलेंटाइन डे शायरी,1,वैश्विक महामारी,1,वोट,1,वोट की किंमत,1,व्यंग,14,व्यायाम,1,व्रत,2,व्रत के दही भल्ले,1,व्रत रेसिपी,21,व्रत स्पेशल,2,शकरकंद,2,शकरकंद की जलेबी,1,शकरकंद को कैसे भुने,1,शकुन-अपशकुन,2,शक्करपारे,1,शनि देव,1,शबनम मौसी,1,शब्द,1,शरबत,6,शराब की दुकान,1,शर्बत,1,शर्म,3,शवयात्रा,1,शहद,1,शादी,8,शादी की खरेदी,1,शादी की फ़िजूलखर्ची का बिल,1,शादी के सालगिरह की शुभकामनाएं,1,शादी-ब्याह,3,शायरी,9,शावर,1,शाहिद कपूर,1,शिक्षक दिन,2,शिक्षक दिवस पर शायरी,1,शिक्षा,5,शिमला मिर्च,1,शिवपुरी,1,शिवलिंग,1,शुद्ध शहद की पहचान,1,शुभ मुहूर्त,1,शुभ-अशुभ,4,शुभकामना संदेश,1,शुभम जगलान,1,श्राद्ध,3,श्राद्ध का खाना,1,श्रीकृष्ण,3,श्रेष्ठता,1,संत निकोलस,1,संसद,1,संस्कार,1,संस्मरण,9,सकारात्मक पहल,2,सच बोलने की प्रेरणा,1,सजा मुझे क्यों,1,सतबीर ढिल्लो,1,सपना,1,सफलता,1,सफेद बाल,1,सब्जियों का अचार,1,सब्जियों की कांजी,1,सब्जी,16,समय,1,समाजसेवा,2,समाजिक,1,समाधान,1,समावत चावल,3,समोसा,1,सर के बाल,1,सलाद,2,ससुराल,2,सस्ते कपड़े,1,सहशिक्षा,1,सांता क्लॉज,1,सांप,1,सांभर वडी,1,सांवला या काला रंग,1,साउथ इंडियन डिश,3,साक्षात्कार,5,सागर में ज्वार,1,सातवीं सालगिरह,1,साफ-सफाई,1,साबुदाना,3,साबुदाना के अप्पे,1,साबुदाना पापड़,2,साबुदाने लड्डू,1,साबुन,1,साबूदाना,3,साबूदाना खिचड़ी,1,साबूदाना वड़ा,1,सामाजिक,87,सामाजिक कार्यकर्ता,1,सालगिरह,7,सावन,2,सास,4,साहित्य,111,सिंगल पैरेंट,1,सिंदूर,1,सीएए,1,सीख-सुहानी,1,सीनू कुमारी,1,सुंदरता,1,सुई,1,सुखी,1,सुजी,1,सूजी,1,सूजी के लड्डू,1,सूप,1,सेनेटरी नेपकिन,1,सेब,2,सेब के छिलके,1,सेलिब्रेटी,1,सेव मेरिट सेव नेशन,1,सेवई उपमा,1,सेहत,2,सैंडविच,1,सोच,1,सोनम वांंगचुक,1,सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट,1,सोलो यूट्यूबर,1,सोशल मीडिया,1,सौंफ,1,सौंफ का शरबत,1,सौंफ प्रीमिक्स,1,सौतेली माता,1,स्कूल,2,स्टफ्ड आम पापड़,1,स्टफ्ड मैंगो रोल,1,स्टार्टर,1,स्त्री,2,स्नैक्स,52,स्वतंंत्रता दिन,1,स्वतंत्रता दिन,2,स्वर्ग और नर्क,1,स्वाभिमान,1,स्वास्थ,2,स्वास्थ्य,16,हंस,1,हनुमान जी,2,हरी मटर,1,हरी मटर के पैनकेक,1,हरी मटर को कैसे स्टोर करें,1,हरी मिर्च,4,हरी मिर्च का अचार,1,हलवा,3,हांडवो,2,हाउसवाइफ,1,हाथी,1,हिंदी उखाणे,1,हिंदी उखाने,1,हिंदी कहानी,2,हिंदी दिवस,1,हिंदी शायरी,31,हिंदु,1,हेयर कलर,1,हैंड सैनिटाइजर,1,हैंडल,1,हैसियत,1,होटल,1,होममेकर,1,होली की शुभकामनाएं,1,होली रेसिपी,1,
जय मां हाटेशवरी....
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कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 19/10/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर...
पर लिंक की जा रही है...
इस चर्चा में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
कुलदीप जी, मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
हटाएंमै तो बिल्कुल नही मानता ये सब मै मेरी पत्नी को उतना ही सम्मान करता हूं जितना हमेसा
हटाएंवो मेरे घर की लक्ष्मी है वो पूरे घर का खयाल रखती है और मै उसका। भगवान शिव भी माता पार्वती के बिना अधूरे है
Absolutely right
हटाएंदमनवादी सोच को रुढ़ीवाद की आड़ देकर पुरुष प्रधानवादिता ने इसे बनावटी विकृति बना डाला है।
जवाब देंहटाएंदुलीचंद जी, सच कहा आपने!
हटाएंदमनवादी सोच को रुढ़ीवाद की आड़ देकर पुरुष प्रधानवादिता ने इसे बनावटी विकृति बना डाला है।
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, कॉर्प्रॉट सोशल रिस्पोंसबिलिटी या सीएसआर कितना कारगर , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
हटाएंYou have rightly said Jyoti ji ..probably the reason for behind such practices may have been to reduce the workload during the days of periods, but it took a different shape when they started being treated as untouchables.
जवाब देंहटाएंसोमाली जी, यही इसकी सच्चाई है...! धन्यवाद आपका।
हटाएंOld practices are there for a reason and they must continue...!!!
जवाब देंहटाएंkewal moorkhata thee ab aisaa naheen hai
जवाब देंहटाएंपहले के समय इसे इस तरह नहीं माना जाता था।
जवाब देंहटाएंपुराने समय में औरत को इस समय अलग रखने का मतलब पुर्ण रूप से आराम देना होता था। सात दिन तक, चौबीस घंटे तक ब्लीडिंग होना, शारीरिक कमजोरी पैदा करता ही है। इस वक्त होने वाला कमर दर्द, पेट दर्द और पैरों में उठने वाले दर्द की वजह से आराम दिया जाता था।
ये सब पंडित लोगों के बनाएं ढ़कोसला है।
मनीषा जी, बिलकुल सही कहा आपने। ये सब नारी को डराने के लिए पंडितों द्वारा रचित ढकोसले ही है।
हटाएंमनीषा जी, बिलकुल सही कहा आपने। ये सब नारी को डराने के लिए पंडितों द्वारा रचित ढकोसले ही है।
हटाएंऐसा कर पण्डितों को क्या फायदा हो सकता हैं ? स्पष्ट करें
हटाएंऐसा कर पण्डितों को क्या फायदा हो सकता हैं ? स्पष्ट करें
हटाएंPooja padh karvane aur isake badle dhan Lena aur apani pratistha ko badhana Kisi fayade se Kam hai kya.
हटाएंSatya se sakasthkaar karane ke liye aapka abhaar.
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआँखे खोल देंने वाला सत्य बहुत अच्छा लेख
जवाब देंहटाएं" क्यों अपने ही घर में अछूत की तरह रहती है नारी?
जवाब देंहटाएंलड़की है, लकड़ी की तरह क्यों जलती नारी??"
प्रश्न आवश्यक है.
अब ठीक है। बड़ी मुश्किल से आपके ब्लाग पर कमेंट करने का मौका मिला है। पहले भी कई बार कोशिश की पर आपका ब्लाग नए रंग में बदल चुका था। कमेंट नहीं कर पा रहा था। आपकी पोस्ट बहुत ही अच्छे विषय पर है। बेहद अर्थपूर्णं।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जमशेद जी...
हटाएंअच्छा लेकिन काफी देर से आया है यह आलेख .क्योंकि अब तो स्थितियाँ काफी बहुत बदल चुकीं हैं .
जवाब देंहटाएंगिरिजा जी, अब स्थितिया जो बदली है, वो सिर्फ और सिर्फ एकल परिवारों के चलते मजबुरी वश ही! क्योंकी अभी भी पढे-लिखें इंसान की सोच भी उतनी नही बदली है जीतनी बदलनी चाहिए...!
हटाएंPonga panditon ne kism-kism ki dhakoslebaazi apne swarth siddh karne ke liye ki thi... hum jaante hain ki unhe maan na mahamurkhtaa hai! behtareen lekh, Jyoti, lekin kyaa ye saamyik hai? Kyaa aaj bhi aisa hota hoga?
जवाब देंहटाएंहाँ, आज भी कई पढ़े लिखें घरों में भी ऐसा होता है। मेरे कई परिचितों के यहाँ आज भी रजस्वला नारी का रसोई घर में जाना वर्जित है।
हटाएंइसमे पंडितों का क्या फायदा हो सकता है ... स्पष्ट करें
हटाएंऋषिकेश जी, यदि नारी अपने आप को दोषी मानेगी तो जाहिर है उसके निवारण के लिए व्रत उपवास करके पंडितो को दान दक्षिणा देगी।
हटाएंشركة تسليك مجاري بالدمام
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह अद्भुत व अप्रतिम
जवाब देंहटाएंआप ने इस मुद्दे को उठाने की हिम्मत की है---इसके लिए आप बधाई की पात्र हैं--धर्म के ठेकेदारों ने न जाने जाने किस किस बात को एक इलज़ाम बना दिया है---इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद करना ही अब सबसे अधिक आवश्यक है--
जवाब देंहटाएंजनाब साहिर लुधियानवी साहिब ने बहुत पहले जो कहा था-वह सच आज भी है-
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
जब जी चाहा मसला कुचला जब जी चाहा दुत्कार दिया
तुलती है कहीं दीनारों में बिकती है कहीं बाज़ारों में
नंगी नचवाई जाती है अय्याशों के दरबारों में
ये वो बे-इज़्ज़त चीज़ है जो बट जाती है इज़्ज़त-दारों में
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
मर्दों के लिए हर ज़ुल्म रवा औरत के लिए रोना भी ख़ता
मर्दों के लिए हर ऐश का हक़ औरत के लिए जीना भी सज़ा
मर्दों के लिए लाखों सेजें, औरत के लिए बस एक चिता
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
मैं आपके विचारों से पूर्णतः सहमत हूँ ज्योति । नारी को वास्तव में उन दिनों में आराम की जरूरत होती है ....।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लेख
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लेख लिखा आपने ज्योती जी
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया लिखा है ज्योति। ऐसे ही लिखते रहो।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को ब्लॉग के किसी एडमिन ने हटा दिया है.
जवाब देंहटाएंग्रेट
जवाब देंहटाएंAisa Aj bhi hota dehradun k kuch Goan mei they treat me like jeshe pta nhi kya galt kaam krdiya Mujhe periods horhe hai toh mere pati puja nhi kr skte hmmmm periods Mujhe horhe mere pati ko nhi mandir nhi jate koi nhi lekin plzzz don’t treat like a dirty things..... we r a female, we r creater of this world , thsee five days r very painful for me .... plz stop it plzzz ������������
जवाब देंहटाएंनिमा दी, आपकी व्यथा पढ़ कर बहुत दुख हुआ। लेकिन जब तक समाज मे कम से कम पढ़े लिखे इंसान अपनी सोच नहीं बदलते टैब तक हालात नहीं सुधर सकते।
हटाएंVad shastra me parkarn h
जवाब देंहटाएंAj ke samay me ved se hatana padega. Jyoti ji apka vichar sahi hai .
जवाब देंहटाएंमाता जी मैं एक ऐसे परिवार से जहां इस परम्परा को निभाया जाता हैं और घर की स्त्री को पूरा सम्मान मिलता है स्त्री का अपमान वही लोग करते है जो उन्हें कमजोर समझते और उनको सिर्फ बहाने चाहिए चाहे वो स्त्री की शिक्षा पर हो या शारिरिक कठोरता, या स्त्री की यह सोच की वह पीछे रहकर अपने संरक्षक का मान बढ़ाना,या धार्मिक बातो को आधार बनाकर उन्हें सिर्फ स्त्री को कमजोर समझना होता हैं परन्तु जिस घर में यह बताया जाता हो कि इनके कारण ही तुम्हारा जीवन सम्भव है और वो परिवार धार्मिक मान्यताओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझकर पालन करता हो उसे तो आप दोषी नही ठहरा सकती है आप चाहे तो मेडिकल साइंस के कुछ रिसर्च पढ़ सकती हैं जहां यह प्रमाणित किया गया है कि जब स्त्री रजस्वला होती हैं तो उस समय उनके शरीर से जो रक्त निकलता है उसमें हानिकारक विषाणु होते है जिसके कारण बीमारी होने का खतरा रहता है और आपने भी लिखा कि स्त्री को उस दौरान दर्द होता हैं तो क्या इन सब बातों का यह अर्थ नहीं कि पहले स्त्रियों का बहुत सम्मान था और उन्हें तथा उनके परिवार को सुरक्षित रखने का यह एक कारण था क्योंकि स्त्री मासिक धर्म के बाद सन्तान उत्पन्न करने के लिए तैयार होती क्योंकि वह एक नए जीव को जन्म देने वाली होती हैं तो गर्भ धारण से पूर्व शरीर के सभी विषाक्त तत्व बाहर हो जाते है और भूर्ण को कोई खतरा नहीं होता, माता जी कुछ और बात है जो मैं यहां नही लिख सकता हूँ पर आप अध्ययन कर सकती है अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ करे।
जवाब देंहटाएंहमारे शरीर से जो भी मल-मुत्र आदि बाहर निकलते हैं उसमें विषाणु होते ही हैं। लेकिन इस कारण हम इंसान को ही अशुद्ध नहीं मानते! फ़िर रक्तस्त्राव होने पर नारी को अशुद्ध मानने में क्या तुक हैं?
हटाएंआदरणिया अनुजा ज्योति देहलीवाल बहिन जी मै जब गूगल प्लस चालू था तब से इस लेख को देख रहा हूँ ।।आदरणिया जी मल मुत्र यदी शरीर पर बहार लगा रहे दीर्घ शंका के पश्चात जब तक प्रक्षालन ना हो जाये तब तक मनुष्य चाहे स्त्री हो या पुरुष वह अपवित्र ही रहता है ।। ठीक रजस्वला स्त्री का रज चार दिन तक लगातार गिरता है , और शयनोपरांत तो ज्यादा गिरता है जो स्नानोपरांत भी नही रुकता चार दिन तक ।। इस लिये अपवित्र दशा होती है न कि अपवित्र स्त्री होती है ।। ऐसे मे उसे आराम करना ही चाहिए ।। मै समझता हूँ अब इस विषय को बन्द कर देना चाहिए,करीब तीन वर्ष से ये लेख चल रहा है
जवाब देंहटाएंअभ्यंकर भाई,बहुत दिनों बाद आपको ब्लॉग पर देख कर खुशी हुई। रहा सवाल इस विषय को बंद करने का तो जब तक नारी को इन दिनों अपवित्र मानने का चलन खत्म नहीं होता तब तक ये विषय बंद कैसे हो सकता हैं?
जवाब देंहटाएंरजस्वलावस्था अपवित्र होती है ना कि नारी ।। नारी तो माँ होती वो बालक को करीब दो तीन वर्ष तक अपने स्तनोदुग्ध का पान कराती तो इतने दिनो मे रजस्वला भी होती होगी तो वह माँ कैसे अपवित्र हुयी ।। बस आवश्यकता है उसे अपने अंग प्रक्षालन की बस ।।
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