“बालिका वधू” की “आनंदी” याने प्रत्यूषा बैनर्जी ने हाल ही में आत्महत्या की है। इतने आत्मविश्वास से आनंदी का किरदार निभानेवाली आखिरकार इतनी कमजोर कैसे हो गई?
“बालिका वधू” की “आनंदी” याने प्रत्यूषा बैनर्जी, आप इतनी कमजोर तो नहीं थी! जिस तरह से आत्मविश्वास से ओतप्रोत होकर आपने “आनंदी” का किरदार निभाया, जमशेदपुर जैसी छोटी जगह से आकर सिर्फ 24 साल की उम्र में जितना नाम कमाया, क्या एक कमजोर लड़की वो सब कर सकती थी? पर्दे पर हर मुश्किलों का डटकर सामना करनेवाली ने रियल लाइफ में इतनी जल्दी हार क्यों मान ली? सवाल अनेक है, लेकिन जबाब शायद किसी के पास नहीं है।
आनंदी के चुनाव के वक्त जब पहली बार आप मीड़िया के सामने आई थी तब ही मीड़िया ने एक स्पष्ट राय बना ली थी कि यह आत्मविश्वास से भरपूर लड़की है। जब ‘जग्या’ ने ‘आनंदी’ को धोखा दिया था तब मीड़िया ने आपसे यह सवाल कई बार किया था कि निजी जिंदगी में अगर आपके साथ कभी ऐसी परिस्थिति आए तो आप क्या करेंगी? तब आपने स्पष्ट शब्दों में कहा था- "मैं कमजोर नहीं हूं। मैं भी आनंदी की तरह ही अपने कैरियर को सवारुंगी और जिंदगी में आगे बढूंगी। रील लाइफ में मैने कलेक्टर की जिंदगी निभाई है। कई लोग मेरे किरदार को आदर्श मानते है तो उन्हें निराश तो हरगिज नहीं करुंगी। कलेक्टर हूं तो कमजोर तो कभी नहीं बनूंगी। किसी के लिए अपनी जिंदगी दांव पर नहीं लगाउंगी।" ये आत्मविश्वास से भरे शब्द आपके ही थे। खबरों के मुताबिक, आपने अपने खराब होते प्रेम संबंध के कारण ऐसा किया। खुदकुशी करने का आपका यह तिसरा प्रयास था। आपने पहली बार मई में चलती कार से कुदकर, तो दुसरी बार नवम्बर में बाए हाथ की नस काटकर जान देने की कोशिश की थी। इससे यह बात समझ में आती है कि आप बहुत ही मानसिक तनाव से रुबरू हो रही थी। लेकिन प्रत्यूषा, वास्तव में कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं होती कि उससे बचने के लिए इंसान आत्महत्या कर ले! इतनी कामयाबी, इतनी शोहरत हासिल करने के बाद यह काम? आम जनता जो थोड़ी सी कामयाबी और थोड़ी सी शोहरत के लिए पूरी जिंदगी तरसती रहती है, आपकी यह कायराना हरकत को हजम नहीं कर पा रहीं है।
प्रत्यूषा, आपको लड़ना चाहिए था। आपके हजारों फैन्स को आपसे यही उम्मीद थी कि आप कमजोर नहीं पड़ेंगी! आपको प्यार को पहचानना चाहिए था। जो आपको तिरस्कार दे और मृत्यू की ओर धकेले, उसे प्रेम तो नहीं कह सकते न! किसी एक व्यक्ति की वजह से, किसी एक राहुल की वजह से आपने अपनी जिंदगी ही दाँव पर लगा दी? ‘आनंदी’ ने ‘जग्या’ को छोड़ कर ‘शिव’ को थाम लिया आपको भी अपनी रियल लाइफ में कोई न कोई ‘शिव’ ज़रुर मिलता। कहते है न कि इंसान हर मुश्किलों का सामना कर सकता है लेकिन जिसे वह खुद से ज्यादा प्यार करता है, जिस पर खुद से ज्यादा विश्वास करता है, उसकी बेवफ़ाई बर्दाश्त नहीं कर सकता। मैत्री, प्रेम या किसी प्रकार का भी गहरा रिश्ता टूट जाता है तो उसका दुख तोड़ देता है। लेकिन इस भावनात्मक दर्द से भी उबरा जा सकता है। जिंदगी को फिर से जिंदादिली के साथ जिया जा सकता है। प्रत्यूषा, मैने सुना है कि पर्दे पर रोल निभाते-निभाते इंसान के अपने मूल स्वभाव में भी रील लाइफ के रोल का असर होता है। क्या आपके दिल पर ‘आनंदी’ का प्रभाव नहीं पड़ा? आप में ‘आनंदी’ जैसा आत्मविश्वास क्यों नहीं आया? काश, आप रियल लाइफ की ‘आनंदी’ बन पाती! क्योंकि रियल लाइफ में भी आप इतनी कमजोर तो कतई नहीं थी!
प्रत्यूषा, अभी-अभी खबर पढ़ने में आई है कि आपके परिवार वाले कह रहे है कि आप कभी आत्महत्या नहीं कर सकती। अब सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन घर वालों की तरह ही आपके हजारों फैन्स को भी आप पर पूरा विश्वास है कि आप इतनी कमजोर नहीं थी! खैर, कभी न कभी तो सच्चाई सामने आएगी ही! आपके फैन्स ईश्वर से यही दुआ करते है कि ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे।
प्रत्यूषा, अभी-अभी खबर पढ़ने में आई है कि आपके परिवार वाले कह रहे है कि आप कभी आत्महत्या नहीं कर सकती। अब सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन घर वालों की तरह ही आपके हजारों फैन्स को भी आप पर पूरा विश्वास है कि आप इतनी कमजोर नहीं थी! खैर, कभी न कभी तो सच्चाई सामने आएगी ही! आपके फैन्स ईश्वर से यही दुआ करते है कि ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे।
Keywords:Pratyusha, Suicide