गणगौर के 18 आवश्यक और अन्य 11 नए गीत अब एक ही जगह पर...
होली के दूसरे दिन से मतलब रंगपंचमी से राजस्थानी समाज की महिलाएं शंकर पार्वती जी की मतलब ईशर गौरा जी सोलह दिनों तक पूजा करती है। गाँव देहातों में गणगौर बहुत ही जोरशोर से मनाई जाती है। इसलिए गांव देहात की लड़कियों और महिलाओं को गणगौर के गीत आते भी है। लेकिन शहरों में ज्यादातर महिलाएं सिर्फ (नवरात्रि के तीज को) आखरी दिन सिर्फ एक ही दिन गणगौर पूजती है इसलिए कई लड़कियों और महिलाओं को इन गीतों के बारे में जानकारी नहीं है। इसलिए इन महिलाओं हेतु यहां पर मैं गणगौर के 18 आवश्यक और अन्य 11 गीत भी प्रस्तुत कर रही हु ताकि सभी महिलाओं को सुविधा हो।
1) दूब लाने का गीत 
बाड़ी वाला बाड़ी खोल,बाडी की किवाड़ी खोल
छोरिया आई दूब न 
थे कुणा जी री बेटी हो, कुणा जी री भैंन हो,
के तुम्हारो नाम है, 
म्हे ब्रम्हादासजी री बेटी हा, ईशरदास जी री भैंन हा, रोवा म्हारो नाम है 
बाड़ी वाला बाड़ी... 
(बाद में ब्रम्हादास जी की जगह अपने पापाजी का नाम लीजिए और ईशरदास जी की जगह भाई का नाम लीजिए। रोवा की जगह खुद का नाम ले) 
2) हरिये गोबर गोली ल्याओ 
हरिये गोबर गोली ल्याओ, मोत्या चोख पुराओ
मोत्या का दोय आख्या लाओ, निरनी गौर पूजाओं 
गौर ए गणगौर माता, खोल किवाड़ी 
बाहर उभी थारी पूजन वाली 
पूजो ए पुजारी के फल मांगा, 
मांगा ए म्हे अन्न धन्न, ला छद लक्ष्मी 
चांद को सो बीरो मांगा, राई सी भोजाई 
उट चढयो बहनोई मांगा, चुड़ला वाली भैंना 
पूछ पिछोकड फुफो मांगा, माण्डा पावन भुआ, 
लाल दुमाल चाचो मांगा, बिनाचारी जी चाची। 
3) काच्या काच्या गोबरिया 
काच्या काच्या गोबरिया कुन तोड़ राज,
इशरदासजी रा भरतार की राण्या तोड़ राज
काच्या काच्या गोबरिया कुन तोड़ राज 
कानिराम जी रा भरतार की बनडया तोड़ राज
(इस तरह घर के सदस्यों के नाम लेना। जैसे विवाहित पुरुष का नाम लेकर उसकी पत्नी का नाम ले और अविवाहित पुरुष का नाम लेकर बनडया बोले) 
4) ऊंचो चोरों चोखुनडो जल 
ऊंचो चोरों चोखुनडो जल, जमुना रो नीर मंगाओजी 
जठ इशरदासजी सापडया बाई, गोरा न गोर पूजाओजी 
जठ कानिरामजी सापडया बाई, बनडयान गोर पूजाओजी 
गोर पूजनत्या यू कव, सायब या जोड़ी अमछड़ राख्यो जी 
या जोड़ी अमझड राख्यो जी महार चूडल्या रो सुहाग राख्यो जी 
(इशरदासजी की जगह परिवार के विवाहित पुरुष का नाम लेना और गोरा की जगह उसकी पत्नी का लेना है। कानिराम जी की जगह अविवाहित पुरुष का नाम लेना है) 
5) मेहंदी 
दादाजी के बागा जाती, म मेहंदी तोड़ कर लाती 
ताऊजी का बागा जाती, म मेहंदी तोड़ कर लाती 
मेहंदी की पत्ती तोड़ कर, बाने धूप म सुखाती 
दादी जी पीसे मेहंदी, ताईजी घोले मेहंदी 
गौराजी बैठ मंडावे, ईशर जी निरखे मेहंदी 
(बाद में दादाजी, ताऊजी की जगह बापुजी और चाचाजी आदि रिश्तेदारों के नाम लेना। गौरा जी ईशर जी की जगह अपने परिवार के सदस्यों के नाम लेना) 
6) टिकी 
आमा के झामा के टिकी, पाना के फुला के टिकी 
हरयो नगीनो ए जडावो टिकी 
या टिकी बहू गौरल न सोहे तो, ईशरदास जी बैठ घडावे टिकी 
या टिकी बहू बनडया न सोहे तो, कानिराम जी बैठ घडावे टिकी 
आमा का झामा... 
(बाद में गौरा जी ईशर जी की जगह अपने परिवार के सदस्यों के नाम लेना) 
7) चुनड़ी 
चमकन घाघरो चमकन चीर, बोल बाई रोवा थारो कुन कुन बीर 
बड़ा सू बड़ो म्हारो ईशरदास बीर, बासू छोटो म्हारो कानीराम बीर 
माय सु मिलाये म्हारो ईशरदास बीर, 
चुनड़ी उडावै म्हारो कानिराम बीर 
चमकना घाघरो... 
(भाइयों के नाम लेना) 
8) जवाँरा 
हाथ म गुलाब की छड़ी ओ गोरा इशरदासजी बाय बाण जाय 
गोरा कानिराम जी बाय बाण जाय 
आज म्हारा हरिया जवारा ओ राज 
आज म्हारा लाडिया जवारा ओ राज 
बा तो उभी बाई रोवा सोवा, यू कवे ये भाभी थारो अमर सुहाग 
आज म्हारा... 
(भाई और भाभी के नाम लेना) 
इस जवारे की जगह ये वाला जवारा भी गा सकते है 
9) जवारा
चैत का महीना, सब सखिया करें शोर 
बोया है जवारा, म्हे पूजा गणगौर। 
दादाजी हमारे मंडवा दो गणगौर, 
ताऊजी हमारे मंडवा दो गणगौर 
दादी बैठ पूजासी, म्हे पूजा गणगौर
ताई बैठ पूजासी, म्हे पूजा गणगौर
चैत का महीना.... 
(बापूजी, चाचाजी, भैया जी, मामाजी, मावसाजी, जीजाजी और फूफाजी आदि के नाम लेना) 
10) पाटो धोने का गीत 
पाटो धो ये पाटो धो, बीरा की भन पाटो धो 
पाटो ऊपर पिलो पान, म्हे जासा बीरा की जान 
जान जासा पान जासा, बीरा न परनाय लास्या 
अली गली म सांप जाय, भाभी तेरो बाप जाय 
थाली में है खाजा, म्हारो बीरो राजा 
थाली में है पताशा, बीरो करे तमाशा 
ओखली में ढाणी, छोरिया की सासु कानी 
11) आरता
मालन फ़ूल लासाडया तो ईशरदास जी थारी कोठ डया जी 
मालन फ़ूल लासाडया तो कानिरामजी थारो आरतो जी 
आंवगा बिरमादास जी रा पूत,प जोआ थारी मेहंदी रोली जी 
आंवगा ईशरदास जी रा पूत,प जोआ थारी मेहंदी रोली जी 
आंवगा कानिराम  जी रा पूत,प जोआ थारी कोठडया जी 
मालन फूल लास्याडया... 
(पुरुषों के नाम लेना) 
12) गणगौर 
यह गीत कंवारी लड़कियां 16 बार और विवाहित महिलाएं 8 बार  गाती है। 
गोर गोर गणपति, ईशर पूजे पार्वती 
पार्वती का आला गेला, गोर का सोना का 
टीका
टिका दे टमका दे, राजा रानी बरत कर्यो 
करता करता आस आयो, मास आयो 
खेरा खाण्डा लाडू लायो, लाडू ले बीरा न दियो 
बीरो ले गट खायगो, चुनड़ी उडायग्यो 
तन मन सोला सात कचौला 
ईशर गौरा, दोनों ई जोड्या 
रानी पूजे राज ने, म्हे पूजा सुहाग ने 
राण्या को राज पाट, म्हारो सुहाग पाट 
ईडी कीड़ी जात दे, जात दे गुजरात दे 
गुजरात्या को पानी, दे दे तंबू तानी 
तानी में सिंघाड़ा, बाड़ी में बीजोड़ा 
धत तेरी रानी, तो धत तेरा फुन्दा। 
13) गोर तिव्हार्डा देसां मारे
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी रोली भी होय 
सोई म्हे टिका काडनत्या पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी कजलो भी होय 
सोई म्हे सारयो थो पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी मेहंदी भी होय 
सोई म्हे लगाई थी पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी चुड़लो भी होय 
सोई म्हे पैराय थो पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी बेसर भी होय 
सोई म्हे पैरी थो पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी गहना भी होय 
सोई म्हे पेरया थो पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सी चुनड़ भी होय 
सोई म्हे ओढ़ी थी पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सो दामन भी होय 
सोई म्हे पेराय थो पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
गोर तिव्हार्डा देसां मारे,चोखी सो बाबुल भी होय 
सोई म्हे मांग्यो था पूजन्ता रे, सोई महार इब छल होय। 
14) पग दे पावड़िया 
पग दे पावड़िया, इशरदासजी चढ़िया
लर बाई रोवा,देवो ना आशीष जी
पग दे पावड़िया, कानिराम जी चढ़िया 
लर बाई सोवा,देवो ना आशीष जी 
15) पानी पिलाने का गीत 
बड़ी गणगौर मतलब बासोड़े के बाद दोपहर में गणगौर को पानी पिलाते है वो गीत 
म्हारी गौर तीसाईं ओ राज, घाटयारी मुकट करयो 
बिरमादास जी रा ईशरदास जी ओ राज,घाटयारी मुकट करयो 
बिरमा दास जी रा कानिराम जी ओ राज,घाटयारी मुकट करयो 
म्हारी गौरा न पानी डो पाई ओ राज, घाटयारी मुकट करयो 
(इसी तरह सभी नाम लेना) 
16) अल खल 
अल खल नदी बवह, यो पानी कठ जासी 
आधो जासी अडया गड्या, आधो ईशर नासी 
न्हाय धोय घरया पाध्यारो, गोरा जाओ बेटो 
अडदा लाओ पडदा लाओ, बन्दरवार बनाओ 
सात की सुई लाओ, पांच का धागा
सिम रे दर्जी का बेटा, भाई भतीजा नागा 
नागा नागा के करो और सीमा सा बागा 
भुआ आई बागा लाई, रिमझिम करती आई 
17) सीठना
कहानी सुनने के बाद सीठना गाते है 
ईशर जी तो पेचों बांधे, गोरा बाई पेंच सँवारी ओ राज 
म्हे ईशर थारी साली छान। 
साली छान मतवाली ओ राज, भंव पटा पर वारी ओ राज, 
केसर की सी क्यारी ओ राज,
लूंगा किसी बाड़ी ओ राज, 
म्हे ईशर थारी साली छान। 
ईशर जी तो कंठी पैर, गोरा बाई गर्दन संवार ओ राज 
म्हे ईशर थारी साली छान। 
ईशर जी तो बीटी पैर, गोरा बाई उंगली संवार ओ राज 
म्हे ईशर थारी साली छान। 
ईशर जी तो मोजा पैर, गोरा बाई पांव संवार ओ राज 
म्हे ईशर थारी साली छान। 
18) बंदोरा
ये गीत रात को गाते है।
खिपोली म्हारी खापा छाई, तारा छाई रात
या नगरी नारेला छाई, राजा माधिसिंह के परताप
भावजड़ी म्हारी पूतां छाई, बीरा के परताप।
ब्रम्हादासजी रा इशरदासजी ओ, म्हारा घुडला घरा ए पुचाय
ब्रम्हादासजी रा कानिरामजी ओ, म्हारा घुडला घरा ए पुचाय
पुचास्या ए डाबड़ी थे थारी, गोरा का दिन चार।
गौरल पूज ब्राम्हण बाण्या, राठौडया राजपूत।
बेटी पूज राया की ओ, बीरा शहर पढयोडा रमझोल।
पैर पटोलो ओढ़ दूरंगी नीसरी ओ, बीरा ईशरदास थारी नार।
पैर पटोलो ओढ़ दूरंगी नीसरी ओ, बीरा कानिराम थारी नार।
उबिरियो ए साथनो ए, म्हारी भावज कर सिंगार।
घूम घूमन्तो घाघरों ओ, बीरा कडया ए लटकता केस।
हाथां मेहंदी रच रही ओ, बीरा बिंदली रो सर्व सुहाग।
खिपोली म्हारी खीपा छाई...
बड़ी गणगौर में ऐसे अन्य कई गणगौर के गीत गाते है 
1) रुके सब के कदम, तर रम पम पम,
ऐसे गणगौर गीत गाया करो 
कभी खुशी कभी गम, तर रम पम पम 
हंसो और हंसाया करो 
मेरे अच्छे सासुजी, मेरे प्यारे सासुजी
तुम रोज रोज किचन में आया करो
कभी इडली, कभी डोसा, 
कभी डोसा कभी इडली 
कभी पूरा खाना आप ही बनाया करो 
रुके सबके कदम... 
मेरे अच्छे जिठानीजी, मेरे प्यारे जिठानीजी 
तुम रोज रोज पिछवाड़े में आया करो
कभी थाली, कभी ग्लास, 
कभी तवा कभी थाली 
कभी सभी बर्तन धो लिया करो 
रुके सबके कदम... 
मेरे अच्छी ननंद जी, मेरे प्यारी ननंद जी 
तुम रोज रोज बाथरूम में आया करो
कभी शर्ट, कभी पेंट, 
कभी साड़ी कभी कुर्ती 
कभी पूरे कपड़े धो लिया करो 
रुके सबके कदम... 
मेरे अच्छे पियाजी, मेरे प्यारे पियाजी
तुम रोज रोज घुमाने ले जाया करो
कभी गार्डन, कभी मॉल, 
कभी पिक्चर कभी होटल 
कभी हर जगह घुमाया करो 
रुके सबके कदम... 
• गणगौर 2 
गौरा रे गौरा रे प्यारी मेरी गौरा 
रुक जा न जा दिल तोड़ के 
साची है ये बात गोरा झूठी नहीं 
बेटी पराई है अपनी नहीं 
दादा ने पाला, दादी ने संभाला 
ताऊ ने पाला, ताई ने संभाला 
सौपा ईशर जी के हाथ रे... 
गौरा रे गौरा.... 
(इसी तरह बाबा,चाचा,भाई, मामा फूफा और मावसा के नाम लेकर मम्मी, चाची, भाभी, मामी, भुआ और मावसी के नाम लेना) 
• गणगौर 3 
फूल गुलदस्ते का गिला रहता है, ईशर तेरे कमरे में सजा रहता है
आज के जमाने की सासू बूरी है, उन्हें तो बस सत्संग की पड़ी रहती है
फूल गुलदस्ते का... 
आज के जमाने की जिठानी बूरी है, उन्हें तो बस अलग होने की पड़ी रहती है 
फूल गुलदस्ते का... 
आज के जमाने की देवरानी बूरी है, उन्हें तो बस मायके की पड़ी रहती है
फूल गुलदस्ते का... 
आज के जाने की ननंद बूरी है, 
उन्हें तो बस घूमने की पड़ी रहती है
फूल गुलदस्ते का... 
आज के जमाने के हम ही भले है, हमे तो बस काम की पड़ी रहती है
फूल गुलदस्ते का... 
• गणगौर 4 
मैं पढ़ी लिखी अंग्रेजी, ईशर जी मेरी कदर बिगड़ गई जी 
सासुजी कहे बहू बर्तन घिसो 
गोरे गोरे हाथों में छाले पड गए जी
ईशर जी मेरी... 
सासुजी कहे बहू पानी भरो 
ऊंची एड़ी की चप्पल पहन कर 
पैर फिसल गया जी 
ईशर जी मेरी... 
सासुजी कहे बहू खाना पकाओ
अनारकली सूट पहन कर, 
दुप्पट्टा जल गया जी 
ईशर जी मेरी.... 
• गणगौर 5 
पंछी बनू उड़ती फिरू, निल गगन में
गोरा जी तो इशरजी के चित्त मन में
तांबे के हंडे में पानी तपाया,
नहावे नहीं इशरजी गोरा की लगन में
पंछी बनू उड़ती... 
चांदी की थाली में खाना परोसा, खावे नहीं ईशर जी गोरा की लगन में
पंछी बनू उड़ती... 
पांच पचासों का बिड़ला मंगाया, चाबे नहीं ईशर जी गोरा की लगन में
पंछी बनू उड़ती...  
लाखो रुपये की फरारी बुलवाई, 
घूमे नहीं ईशर जी गोरा की लगन में
पंछी बनू उड़ती... 
• गणगौर 6 
फूलों का तारो का सबका कहना है, 
एक हजारों में मेरी गौरल है 
सारी उमर ईशर के संग रहना है
फूलों का... 
बिंदिया तो मैं लाया हूं, 
शीशफूल गया भूल 
बिंदिया नहीं लाये तो, 
गौरल गई रूठ 
बिंदिया तो लाया हूं, 
अब तो हंस दो ना 
फूलों का... 
नेकलेस तो मैं लाया हूं,चूड़ियां गया भूल 
नेकलेस नहीं लाये तो, गौरल गई रूठ 
नेकलेस तो लाया हूं, अब तो हंस दो ना 
(इसी तरह चूड़ियां, कंगन, पायल, बिछिया आदि नाम लेना)
• गणगौर 7 
(राग- बाई गं केळेवाली मी सांगा तुम्हाला सोभेल काय? सुचना- ये मराठी भाषा में है!) 
तुझं नी माझं जमलयं जोड़, 
पगार म्हनतयं एकदम थोड़-2 
एवढ्यात भागेल काय?  
बाई गं पैसेवाली मी ईशर, 
तुम्हाला शोभेल काय?-2  
बिंदिया आनाल कि शिशफुल आनाल?-2  
आनखी आनाल काय?  
बाई गं पैसेवाली... ।।1॥  
एरिंग आनाल कि नेकलेस आनाल?-2  
आनखी आनाल काय?  
बाई गं पैसेवाली... ॥2॥  
आंगठी आनाल कि बांगड्या आनाल?-2  
आनखी आनाल काय?  
बाई गं पैसेवाली... ॥3॥  
तोरड्या आनाल कि बिछुडी आनाल?-2  
आनखी आनाल काय?  
बाई गं पैसेवाली... ॥4॥  
साडी आनाल कि जिंस आनाल?-2 
आनखी आनाल काय?  
बाई गं पैसेवाली... ॥5॥  
• गणगौर 8 
(राग- दीदी तेरा देवर दीवाना, हाय राम कुड़ियों को डाले दाना) 
गोरा तेरा ईशर दीवाना, हाय राम सखियों को मारे ताना-2 
मैं बागों में जाऊं, वो पीछे से आए-2  
मैं फूलों को चुनु, वो माला बनाए-2  
हो...लगता है कोई माली पुराना-2  
हाय राम... ॥1॥  
मैं कुओं पर जाऊं, वो पीछे से आए-2  
मैं कपड़ों को धोऊं, वो साबुन लगाएं-2  
लगता है कोई, धोबी पूराना-2  
हाय राम... ॥2॥  
मैं मंदिर में जाऊं, वो पीछे से आएं-2  
मैं पूजा करूं, वो घंटी बजाए-2  
लगता है कोई पंडित पुराना-2  
हाय राम... ॥3॥  
मैं सत्संग में जाऊं, वो पीछे से आएं-2  
मैं भजन गाऊं, वो ताली बजाएं-2  
लगता है कोई प्रेमी पुराना-2  
हाय राम... ॥4॥  
• गणगौर 9 
(राग- आरती...ओम जय जगदिश हरे...)  
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे  
ईशर और गौरल की-2, जोडी अमर रहे  
ओम जय जगदीश हरे...  
शिश गौरल के शिशफूल सोहे, बिंदिया अमर रहे  
स्वामी सिंदूर अमर रहे  
ईशर और गौरल की... ॥1॥  
कान गौरल के झुमके सोहे, नथनी अमर रहे  
स्वामी नथनी अमर रहे  
ईशर और गौरल की... ॥2॥  
गले गौरल के नेकलेस सोहे, चुड़िया अमर रहे  
स्वामी चुडिया अमर रहे  
ईशर और गौरल की... ॥3॥  
पाव गौरल के पायल सोहे, बिछिया अमर रहे  
स्वामी बिछिया अमर रहे  
ईशर और गौरल की...॥4।।  
संग ईशर के गौरा सोहे, जोड़ी अमर रहे  
स्वामी जोड़ी अमर रहे  
ईशर और गौरल की... ॥5॥ 
• गणगौर 10 
दूर है ईशर टावर, नेटवर्क में नहीं दम-2 
फोन मेरा रिचार्च करवादो, बैंलेंस हो गया कम-2 
मायके फोन ईशर, कैसे लगाऊं-2
सासू की चुगली, किसको सुनाऊं-2
हो गई बातें इकट्ठी, अब निकला जाए दम-2 
फोन मेरा रिचार्च ...   ॥1।। 
व्हाट्स एप्प मैं ईशर कैसे चलाऊं-2
नए-नए स्टेट्स अब कैसे लगाऊं-2
हो ना पाए चैटींग, मेरा बी पी हो गया कम-2 
फोन मेरा रिचार्च...      ॥2॥ 
यूट्यूब मैं ईशर कैसे चलाऊंं-2
रेसिपी बिना खाना कैसे बनाऊं-2
बन ना पाए खाना, अब दुखी हो गए हम-2 
फोन मेरा रिचार्च...     ॥3।। 
• गणगौर 11 
ना गजरे की धार, ना मोतियों का हार 
ना कोई किया सिंगार, गौरल कितनी सुंदर हो 
तुम कितनी सुंदर हो-2 
तेरे माथे की बिंदिया तेरे दादा जी लाये 
तेरे माथे का शीशफूल तेरे ताऊजी लाये 
वो दादी वो ताई, सभी खूब सजाए
तुम कितनी सुंदर हो-2 
तेरे गले का नेकलेस तेरे बापू जी लाये 
तेरे हाथ का कंगन तेरे चाचा जी लाये 
वो मम्मी वो चाची, सभी खूब सजाए
तुम कितनी सुंदर हो-2 
तेरे हाथ की चूड़ियां तेरे भैया लाये
तेरे पांव की पायल तेरे मामा जी लाये 
वो भाभी वो मामी, सभी खूब सजाए
तुम कितनी सुंदर हो-2 

							    
							    
							    
							    
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शनिवार 15 मार्च 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को,"पांच लिंको" के आनंद में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा दी।
हटाएंवाह, क्या बात है, गणगौर के पारंपरिक गीतों के साथ नये आधुनिक गीत भी, आपने वाक़ई इस संग्रह से साहित्य की वृद्धि की है
जवाब देंहटाएंबड़े सही समय पर आपने ये पोस्ट डाली है अब तो गणगौर के गीत शहरों में लुप्त से हो रहे हैं. मैं तो गणगौर की कल्पना बिना गीतों के कर ही नहीं पाती.
जवाब देंहटाएंअपना पहला गणगौर पूजन याद आ गया.
धन्यवाद, मीना दी।
हटाएंबहुत ही उपयोगी पोस्ट। इससे सभी राजस्थानी महिलाओं को बहुत ही सुविधा हो जाएगी। और उसमें भी नए नए गीत तो बहुत ही लाजबाब है।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंMai Ganesh ji ka bhakt hu, mai ye jaanna chahta hu ki ganesh ji ki pooja mai Tulsi ka use kyo nahi krte hai?
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